नई दिल्ली (विश्व परिवार)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के जवानों को 32 वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए। यह सम्मान नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 18वें ICG अलंकरण समारोह के दौरान 2022, 2023 और 2024 में जवानों के उनके शौर्य और समर्पण के लिए प्रदान किए गए। इन पुरस्कारों में 6 राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (विशिष्ट सेवा के लिए), 11 तटरक्षक पदक (वीरता के लिए) और 15 तटरक्षक पदक (सराहनीय सेवा के लिए) शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने सभी सम्मानित जवानों को बधाई देते हुए कहा कि ये पदक सिर्फ एक सम्मान नहीं बल्कि उनकी बहादुरी, धैर्य और देश की सुरक्षा के प्रति उनकी नि:स्वार्थ प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। उन्होंने ICG की तटीय सुरक्षा, प्रशासनिक दक्षता, नशीली दवाओं की जब्ती, बचाव अभियानों और अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भूमिका की सराहना की।
राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत की समुद्री सीमाएं काफी बड़ी हैं जिससे कई तरह की सुरक्षा चुनौतियां सामने आती हैं। जहां भारतीय सशस्त्र बल युद्ध जैसी स्थितियों से निपटते हैं वहीं ICG का मुख्य कार्य समुद्री डकैती, आतंकवाद, घुसपैठ, तस्करी और अवैध मछली पकड़ने जैसी चुनौतियों से लड़ना है। उन्होंने ICG को दुनिया की सबसे सक्षम और विश्वसनीय समुद्री सुरक्षा बलों में से एक बताया।
पिछले एक साल में ICG ने हासिल की कई उल्लेखनीय उपलब्धियां
पिछले एक साल में ICG ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इस दौरान 14 संदिग्ध नावों और 115 समुद्री डाकुओं को पकड़ा गया ₹37,000 करोड़ मूल्य की ड्रग्स जब्त की गईं और 169 लोगों की जान बचाई गई। इसके अलावा, ICG ने 29 गंभीर रूप से घायल लोगों को मेडिकल सहायता भी प्रदान की। रक्षा मंत्री ने कहा कि ये केवल आंकड़े नहीं हैं बल्कि ICG के साहस और समर्पण की सच्ची कहानी है।
भारतीय तटरक्षक बल को और मजबूत करने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹9,676.70 करोड़ का बजट आवंटित किया है जोकि पिछले बजट से 26.5% अधिक है। इस फंड का उपयोग ICG के आधुनिकीकरण और नई तकनीकों की खरीद के लिए किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि ICG के लिए 14 तेज गश्ती पोत, 6 एयर कुशन वाहन, 22 इंटरसेप्टर बोट, 6 नेक्स्ट जनरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स और 18 नेक्स्ट जनरेशन फास्ट पेट्रोल वेसल्स खरीदे जाएंगे।
रक्षा मंत्री ने आधुनिक सुरक्षा खतरों पर भी ध्यान आकर्षित किया और ICG के जवानों को साइबर हमले, डेटा चोरी, सिग्नल जैमिंग, रडार बाधा और GPS स्पूफिंग जैसी डिजिटल चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने ICG के डिजिटलीकरण और “डिजिटल कोस्ट गार्ड प्रोजेक्ट” की सराहना की जो तटरक्षक बल की कार्यक्षमता को और बेहतर बनाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार ICG को पूरी तरह से समर्थन देती रहेगी ताकि वह हर तरह के खतरों का प्रभावी रूप से सामना कर सके। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, ICG महानिदेशक परमेश शिवमणि और रक्षा मंत्रालय एवं ICG के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।