अयोध्या (विश्व परिवार)। अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन युवा परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव हुआ पारित सरयू नदी तट स्थित जैन धर्म के शाश्वत तीर्थ प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव सहित पांच तीर्थंकरों की जन्म धरा पर परम पूज्य गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी,आर्यिका चंदनामती माताजी, स्वस्ति श्री रविंद्र कीर्ति महाराज के सानिध्य में अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन युवा परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान भगवान ऋषभदेव जन्म कल्याणक पर सार्वजनिक अवकाश की मांग गुंजायमान हुई।
युवा परिषद राजस्थान प्रान्त के संयुक्त महामंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भगवान ऋषभदेव की जन्म धरा अयोध्या से यह मांग प्रमुखता के साथ उठाई जानी चाहिए कि ऋषभदेव अर्थात आदिनाथ भगवान के जन्म कल्याणक पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा केंद्र व राज्य सरकार करें। क्योकि भगवान ऋषभदेव ही प्रथम तीर्थंकर थे जिनसे ही जैन धर्म को पहचान मिली यह भ्रांति भी जैनेत्तर समुदाय की दूर हो कि जैन धर्म का प्रादुर्भाव भगवान महावीर स्वामी से हुआ है जबकि भगवान महावीर तो चौबीसवें व अंतिम तीर्थंकर थे। इस पर युवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन प्रकाश जैन, राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री दिलीप जैन जयपुर व राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष बिजेंद्र जैन दिल्ली, राष्ट्रीय मुख्य संयोजक प्रतिष्ठाचार्य विजय जैन ने अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि दिगम्बर जैन युवा परिषद इस मांग को प्रमुखता के साथ केंद्र व राज्य सरकार में उठाएगी। सभी ने एक स्वर से कहा कि जैन धर्म को सही पहचान दिलाने के लिए भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याण पर सार्वजनिक अवकाश होना ही चाहिए जिसके लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा।
राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान युवा परिषद बुलेटिन राष्ट्रीय जैन समाचार पत्र का विमोचन भी प्रमुख अतिथियों व पदाधिकारियों द्वारा किया गया।