Home छत्तीसगढ़ सद्गुरु कबीर प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

सद्गुरु कबीर प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

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कबीरधाम (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज कबीरधाम जिले के कारेसरा और उड़िया खुर्द गांव में आयोजित सद्गुरु कबीर प्राकट्य उत्सव में भाग लेकर संत शिरोमणि कबीर साहेब को नमन किया। यह आयोजन श्रद्धा, समर्पण और सामाजिक समरसता का प्रतीक बना, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु, संत समाज और स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए।
संत कबीर के विचार आज भी प्रासंगिक – विजय शर्मा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सद्गुरु कबीर साहेब केवल एक संत नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक चेतना, भक्ति और मानवीय मूल्यों के संवाहक थे। उन्होंने जात-पात, ऊंच-नीच, अंधविश्वास और भेदभाव के खिलाफ जो आवाज उठाई थी, वह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थी। उन्होंने कहा, “कबीर साहेब ने कहा था – ‘जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।’ आज के समय में जब समाज में पुनः वर्ग भेद की प्रवृत्तियां पनप रही हैं, तब कबीर साहेब के विचार हमें सच्चा मार्ग दिखाते हैं।”
लोककल्याण और सामाजिक समरसता का पर्व
प्राकट्य उत्सव के अवसर पर भजन-कीर्तन, कबीर वाणी पाठ, लोक नृत्य और प्रवचन जैसे विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आयोजन स्थल को पारंपरिक रंगों, फूलों और झंडियों से सजाया गया था। मंच पर संत समाज के कई प्रमुख संतों ने कबीर दर्शन पर प्रवचन दिए और लोगों को उनके बताये मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संत परंपरा और उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि राज्य में कबीर पंथ और अन्य संत परंपराओं के संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
विकास योजनाओं का किया उल्लेख
विजय शर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि कबीरधाम जिले के विकास के लिए सरकार विशेष प्राथमिकता दे रही है। ग्रामीण सड़कों, पेयजल व्यवस्था, कृषि सहायता और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि कारेसरा और उड़िया खुर्द गांवों को भी विकास की मुख्यधारा में लाया जाएगा। उन्होंने कहा, “संत कबीर का दर्शन केवल आध्यात्मिक नहीं, सामाजिक और आर्थिक न्याय का भी मार्ग है। यदि हम उनकी सीख को ग्राम विकास, सामाजिक समरसता और शिक्षा में अपनाएं, तो छत्तीसगढ़ को समृद्ध और सशक्त राज्य बनाने में कोई संदेह नहीं।”
श्रद्धालुओं और संत समाज का उत्साह
कार्यक्रम में शामिल स्थानीय ग्रामीणों, श्रद्धालुओं और संतों ने उपमुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। उपस्थित जनसमूह ने कबीर वाणी के सामूहिक पाठ में भाग लिया। संतों ने सद्गुरु कबीर की जीवन गाथा और उनके समाज सुधारक दृष्टिकोण पर विस्तृत प्रकाश डाला। कबीरधाम जिला, जिसे पहले कवर्धा के नाम से जाना जाता था, संत कबीर से गहरा जुड़ाव रखता है। यह जिला संत परंपरा का जीवंत केंद्र रहा है, जहां हर वर्ष प्राकट्य महोत्सव मनाया जाता है।

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