- संघ सानिध्य में सिद्धचक्र महामंडलविधान पर भक्तिभावपूर्वक 256 अध्र्य समर्पित
मंदसौर (विश्व परिवार)। आचार्यश्री वर्धमानसागर जी, मुनि श्री पुण्य सागर जी सहित 53 साधुओं के सानिध्य में सिद्ध चक्रमंडल विधान पर आज 252 अर्घ्य किए गए। धर्म नगरी धरियावद अनेक विशाल मंदिरों , पंच कल्याणक, समाधि और दिगंबर संतो की जन्म, कर्म भूमि धरियावद है। इस नगरी से मुनि सुधर्मसागर जी ,श्री उदयसागर जी , श्री प्रवेशसागर जी, श्री समाधिसागर जी ,श्री श्रेयससागर जी,श्री पदमकीर्तिसागर जी ,उदितसागर जी,श्रीमुमुक्षु सागर जी, एलक श्री हर्षसागर जी ,श्री वत्सलमति जी,श्री उत्साहमति, श्री श्रेयमति,श्री सुशांतमति,श्री योगीमति,श्री प्रेक्षामति सहित कुल 15 भव्य प्राणियों ने संयम मार्ग अपनाया हैं। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी मुनि पुण्य सागर जी संघ सानिध्य में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संहितासूरी श्री पंडित हंसमुख शास्त्री के निर्देशन वीणा दीदी बिगुल की स्वर लहरियों तथा पंडित विशाल के सहयोग से सौधर्म इंद्र ,कुबेर, ईशान, यज्ञ नायक,श्रीपाल राजा आदि प्रमुख इंद्र प्रति इंद्र द्वारा आज 256 श्रीफल के अर्घ्य महामंडल पर समर्पित किए गए। आमन्त्रित नाटक मंडली द्वारा श्रीपाल और मेना सुंदरी के कथानक का भावुक प्रदर्शन किया जा रहा हैं मैना सुंदरी कुष्ठ रोग से पीड़ित पति श्रीपाल को तीर्थ वंदना,मुनि संघ के दर्शन कराती हैं।आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने अपने उपदेश में बताया कि कर्मों के उदय से जीव को कष्ट भोगना पड़ता है राजा होने के बावजूद श्रीपाल को कर्मों का दुख भोगना पड़ा और उन्हें कुष्ठ रोग हुआ, जिनेन्द्र भगवान का शासन शक्तिशाली शासन है इसमें अनेक पूजा विधान की रचना तीर्थंकर भगवान की देशना के माध्यम से की गई हैअनंतानंत सिद्धभगवान कीआराधना,भक्ति पूर्वक सिद्धचक्र महामंडलविधान करना चाहिए इससे सभी के रोग ,कष्ट पीड़ा दूर होगा। राजेश पंचोलिया इंदौर अनुसार आचार्य श्री ने उपदेश में आगे बताया कि देव शास्त्र एवं गुरुओं पर आस्था रख उनके उपदेश अनुसार धार्मिक अनुष्ठान करने से बड़े से बड़े रोग दूर होते है कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए सिद्धचक्र विधान में अनंतानंत गुणों के धारी सिद्ध भगवान की आराधना पूजन करना चाहिए। इसके पूर्व मुनि श्री पुण्य सागर जी ने उपदेश में बताया कि कभी भी मुनियों का अपमान नहीं करना चाहिए इससे कर्मों के बंधन से नीच नर्क गति जीव जाता हैं। प्रतिदिन अनेक नगरों की समाज उपस्थित होकर धर्म लाभ ले रही है सीकर से भी आशीष जयपुरिया सहित अनेक भक्त उपस्थित हुए। आज मंदसौर की श्री समाज ने उपस्थित होकर आचार्य श्री से मंदसौर संघ सहित पधारने का निवेदन किया।