रायपुर (विश्व परिवार)। शास शहीद वीर नारायण सिंह महाविद्यालय बिलाईगढ़ में आयोजित दस दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण शिविर में पंडित रविशंकर शुक्ल वि वि रायपुर के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ चित्तरंजन कर का प्रभावशील रूप में व्याख्यान संपन्न हुआ। छात्र छात्राओं के बीच अपने व्याख्यान में डॉ कर ने कहा कि पत्रकारिता ,जनसामान्य के लिए होती है इसलिए सही खबर को सरल भाषा में प्रस्तुत करना पत्रकार का दायित्व है।वैश्वीकरण के इस युग में कोई भी व्यक्ति एक भाषा को जानकर उन्नति नहीं कर सकता । विश्व की सभी भाषाएं महत्वपूर्ण है,कोई भी बुरी नहीं है।भाषा की मिलावट से हमे घबराना नहीं चाहिए क्योंकि यह युग की मांग है। भाषा धीरे धीरे स्वभाव और व्यक्तित्व बन जाती है। डॉ चित्तरंजन कर ने समाचार पत्र को सुरक्षा कवच बतलाते हुए प्रकाश से ज्ञानार्जन के लिए प्रतिदिन पढ़ना चाहिए। कोई छोटी सी खबर समाज और देश में आग लगा सकती है ,इसलिए पत्रकार और संवाददाता को हमेश सावधान रहना चाहिए ।प्राचार्य डॉ उमाकांत मिश्र के आग्रह पर उन्होंने कैसा है पुरखों का घर लिख भेजिए तथा जब से छूटा गांव गांव को भुला , कभी नहीं गीत का स्वर गायन किया। उनकी पत्नी माधुरी कर ने अपनी कविता पाठ से बेटा बेटी में समानता का संदेश दिया। हिंदी विभागाध्यक्ष सुनीता विक्रम कोशले ने आभार व्यक्त करते हुए सर के व्याख्यान को अति उपयोगी बतलाया।श्री रेशम चौहान ,जनभागीदारी शिक्षक ने कर सर का परिचय देते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ का सरताज बतलाया।शोधछात्र सुजीत कुमार ,हेमचंद वि वि,दुर्ग ने इस शिविर को बहुत सार्थक बतलाया।छात्र योगेश और काम्या ने सर से कई प्रश्न पूछे। प्रशिक्षण में शासकीय महाविद्यालय बिलाईगढ़,कसडोल और भटगांव के एम ए हिंदी के छात्र छात्रा 55की संख्या में उपस्थित हो रहे हैं।