नई दिल्ली (विश्व परिवार)। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने अपने कम से कम 36 जहाजों को अग्रिम पंक्ति पर तैनात कर रखा था। ये आदेश मिलते ही कराची पर हमला करने के लिए तैयार थे। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। जहाजों के इस बेड़े का नेतृत्व आईएनएस विक्रांत कर रहा था।
बता दें कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 6 युद्धपोतों ने पाकिस्तान पर हमला किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन जहाजों में ब्रह्मोस मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और वरुणास्त्र हेवीवेट टॉरपीडो से लैस 7 जहाज शामिल थे। ये जमीन, हवा और पानी के खतरों से निपटने में सक्षम थे।
इसके अलावा हाल ही में नौसेना में शामिल किए गए आईएनएस तुशील सहित 7 स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट भी तैनात थे, जो पश्चिमी तट पर हर गतिविधि का जवाब देने को तैयार थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नौसेना ने 6 पनडुब्बियों को भी तैनात कर रखा था। इसके अलावा तेज गति से हमला करने वाले जहाजों और मिसाइल नौकाएं भी शामिल थीं। इस तरह 36 युद्धपोत, जहाज और पनडुब्बियां किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए तैयार थीं।
पहलगाम हमले के बाद से ही नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया था, जिसके कारण पाकिस्तान ने संभावित नौसैनिक हमले की आशंका के चलते नवरेआ चेतावनी जारी की थी।
पाकिस्तानी नौसेना के पास फिलहाल 30 से भी कम युद्धपोत हैं। भारतीय सेना ने इससे ज्यादा बड़ा बेड़ा तैनात कर दिया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की नौसेना की तैनाती कथित तौर पर कराची बंदरगाह तक ही सीमित थी, क्योंकि भारतीय नौसेना की भारी मौजूदगी के कारण वह प्रभावी ढंग से जवाब देने में असमर्थ थी।
तनाव के बीच कई वाणिज्यिक जहाजों ने भी कराची जाने के बजाय अपना रास्ता बदल लिया था।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी।
भारत ने इसके पीछे पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ बताते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और 7-8 मई को 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल और ड्रोन दागे, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
कथित अमेरिकी मध्यस्थता के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ है।