Home छत्तीसगढ़ IGKV प्रशासन के विरुद्ध एकजुट हुआ राज्यभर का कर्मचारी वर्ग, संविधान सम्मत...

IGKV प्रशासन के विरुद्ध एकजुट हुआ राज्यभर का कर्मचारी वर्ग, संविधान सम्मत अधिकारों की पुनः स्थापना की मांग..

40
0
 इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV), रायपुर परिसर एक ऐतिहासिक विरोध का साक्षी बना, जब छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों से आए कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के अधिकारी व कर्मचारी तकनीकी कर्मचारी संघ (TSA) के नेतृत्व में एकजुट होकर, प्रशासन की वर्षों पुरानी भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने हेतु कुलपति को एक तीव्र, तथ्याधारित और संवैधानिक ज्ञापन सौंपा। डॉ. पी. के. सांगोड़े (अध्यक्ष, TSA) ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा,
“हमने न जाने कितनी बार ज्ञापन सौंपे, कितनी बार बातचीत की, पर विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता अडिग रही। यह केवल प्रशासनिक उपेक्षा नहीं, बल्कि एक संस्थागत अपमान है। आज राज्यभर से आए KVK कर्मचारी बता रहे हैं कि हम चुप नहीं रहेंगे—हम अधिकार लेकर रहेंगे। सेवा शर्तों की समानता, NPS, CAS और सभी सेवानिवृत्ति लाभ तुरंत बहाल हों।”
डॉ. ईश्वरी साहू (उपाध्यक्ष) ने कहा:
“हमारी लड़ाई सुविधाओं की नहीं, बल्कि अपने संवैधानिक और मानवीय अधिकारों की है। हम विश्वविद्यालय की मूल संरचना का हिस्सा हैं, पर हमें न तो संवैधानिक मान्यता मिल रही है, न सम्मान। यह आंदोलन IGKV के भीतर चल रहे ‘छुपे हुए वर्गवाद’ के विरुद्ध एक स्पष्ट जन-संघर्ष है।”
डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने IGKV अधिनियम के उल्लंघन को उजागर करते हुए कहा:
“जब अधिनियम में तकनीकी स्टाफ की सेवा-निवृत्ति आयु 65 वर्ष स्पष्ट है, तो KVK स्टाफ को 60 पर सेवानिवृत्त करना क्या अवैधानिक नहीं? यह न सिर्फ शोषण है, बल्कि संविधान की मूल भावना के साथ छल है।”
KVK प्रतिनिधियों की सामूहिक मांगें—7 सूत्रीय प्रस्ताव
प्रदर्शन में डॉ. विजय जैन, डॉ. आर. एल. शर्मा, डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ. खूबिराम साहू, डॉ. एस. वर्मा, डॉ. सौगात ससमल, डॉ. प्रमिला जोगी, डॉ. तोषण ठाकुर, डॉ. प्रमिला रामटेके, डॉ. घनश्याम दास साहू, डॉ. अमित शुक्ला एवं डॉ. रंजीत मोदी सहित सभी उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों ने नीचे दिए गए 7 सूत्रीय अधिकार-सम्मत मांगपत्र को कुलपति के समक्ष प्रबलता से रखा:
1. सेवा शर्तों में पूर्ण समतुल्यता: KVK कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के समतुल्य वेतनमान, भत्ते एवं सेवा नियम तुरंत बहाल किए जाएं।
2. NPS/OPS की बहाली: पहले से प्राप्त लाभों को बिना अधिसूचना बंद करना अवैध है—इन्हें शीघ्र पुनः लागू किया जाए।
3. मेडिकल व अन्य भत्ते: पूर्व में प्रदत्त सभी भत्तों को पुनः चालू किया जाए, विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों के कर्मचारियों की आवश्यकता को देखते हुए।
4. CAS/उच्च वेतनमान की बहाली: समयमान वेतनमान/क्रमोन्नति की वैधानिक योजनाएं तत्काल शुरू की जाएं।
5. सेवा-निवृत्ति आयु का अधिनियमानुसार निर्धारण (65/62 वर्ष): अवैधानिक 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति नीति को तत्काल निरस्त किया जाए।
6. सेवानिवृत्ति उपरांत लाभ: पेंशन, ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन व चिकित्सा सुविधा जैसे अधिकारों को मान्यता दी जाए।
7. अस्थायी नियुक्तियों की वैधता पर रोक: जब तक स्थायी स्टाफ की समस्याएं हल नहीं होतीं, तब तक अस्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया स्थगित की जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here