Home रायपुर EPFO ने सदस्य प्रोफ़ाइल अद्यतनीकरण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया

EPFO ने सदस्य प्रोफ़ाइल अद्यतनीकरण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया

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रायपुर (विश्व परिवार)। भविष्‍य निधि सदस्‍यों के लिए सेवाओं में सुधार लाने तथा सदस्य डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सदस्य प्रोफ़ाइल अद्यतनीकरण की प्रक्रिया को और सरल किया है। संशोधित प्रक्रिया के तहत, जिन सदस्यों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) पहले से ही आधार के माध्यम से मान्य है, वे अपना प्रोफ़ाइल नाम, जन्म तिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता-माता का नाम, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम, सेवाग्रहण करने की तिथि तथा नौकरी छोड़ने की तिथि आदि को बिना किसी दस्तावेज़ को अपलोड किए अपडेट कर सकते हैं। केवल कुछ मामलों में, जहाँ दिनांक 01.10.2017 से पहले यूएएन प्राप्त किया गया था, डॉटा अपडेट करने के लिए केवल नियोक्ता के प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी। ईपीएफओ के डेटाबेस में ईपीएफ सदस्य के व्यक्तिगत डेटा की स्थिरता और प्रामाणिकता यह सुनिश्चित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि सेवाएँ निर्बाध रूप से प्रदान की जाए तथा सदस्‍यों के भविष्‍य निधि एवं पेंशन निधि से गलत/धोखाधड़ी वाले भुगतान से बचा जा सके। सदस्य विवरण को बदलने या सही करने की आवश्यकता होने पर सदस्यों को पहले से ही सुविधा उपलब्ध कराई गई थी जिसके माध्‍यम से वे आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते थे और अपने अनुरोध ऑनलाइन दर्ज कर सकते थे। ऐसे आवेदनों को नियोक्ता द्वारा ऑनलाइन अनुमोदन किया जाता था और अंतिम अनुमोदन के लिए कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन को भेज दिया जाता था। वित्त वर्ष 2024-25 में नियोक्ताओं के माध्यम से डॉटा में सुधार के लिए कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन को प्राप्त कुल 8 लाख आवेदनों में से लगभग 45% आवेदनों को ईपीएफओ में नियोक्ता के सत्यापन या अनुमोदन के बिना सदस्य द्वारा स्वयं अनुमोदित किया जा सकता है। औसतन यह संयुक्त घोषणाओं (जेडी) को मंजूरी देने में नियोक्ता द्वारा लगने वाली लगभग 28 दिनों की देरी को समाप्त कर देगा। ईपीएफ खाताधारकों के पास पूर्ण ई-केवाईसी नहीं होने के कारण उनके परिवर्तन/सुधार के आवेदन को नियोक्ता स्तर पर लगभग 50% मामलों में ईपीएफओ में किसी अनुमोदन की आवश्यकता के बिना ही अनुमोदन मिल जाएगा। इस संशोधन से लगभग 3.9 लाख सदस्यों को तुरंत लाभ मिलेगा, जिनके आवेदन विभिन्न चरणों में लंबित हैं। यदि कोई सदस्य जो स्वयं अनुमोदन कर सकता है, उसने पहले ही अपना आवेदन जमा कर दिया है जो नियोक्ता के पास लंबित है, तो सदस्य पहले से दायर अनुरोध को हटा सकता है और सरलीकृत प्रक्रिया के अनुसार स्वयं अनुमोदन कर सकता है। अधिकांश मामलों को सदस्य स्वयं या कुछ चुनिंदा मामलों में नियोक्ता द्वारा सीधे स्वयं वांछित संशोधनों को अनुमोदित किया जा सकता है। वर्तमान में, सदस्यों द्वारा दर्ज की गई लगभग 27% शिकायतें सदस्य प्रोफ़ाइल/केवाईसी मुद्दों से संबंधित हैं और संशोधित संयुक्‍त घोषणा पत्र (ज्‍वाईंट डिक्‍लेरेशन) की शुरूआत के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि सदस्यों द्वारा दर्ज की जाने वाली शिकायतों की संख्या में भारी कमी आएगी। ऑनलाइन प्रक्रिया में यह सरलीकरण सदस्यों के अनुरोधों को तुरंत निपटाने में मदद करेगा, जिससे डेटा की स्थिरता सुनिश्चित होगी, होने वाली त्रुटियों के जोखिम को कम किया जा सकेगा और सदस्यों को कुशल सेवा प्रदान करना सुनिश्चित किया जा सकेगा और प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकेगा। साथ ही, ऐसे विवरणों के सत्यापन के लिए नियोक्ता पर आने वाले अतिरिक्त कार्यभार से बचने से और सरलीकृत प्रक्रिया से कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन की सेवाओं एवं कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय सुधार होगा।

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