नई दिल्ली (विश्व परिवार)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज मंगलवार को बेल्जियम और लक्जमबर्ग के भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि बदलती वैश्विक स्थिति के बीच यूरोप अब भारत के साथ मजबूत संबंधों को लेकर पहले से ज्यादा गंभीर हो गया है। उन्होंने कहा कि जैसे भारत ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, वैसे ही अब ‘आत्मनिर्भर यूरोप’ की सोच भी उभर रही है, जो दूसरों पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। जयशंकर ने कहा कि यूरोप अब यह महसूस कर रहा है कि कई समस्याओं का हल उसे खुद ढूंढना होगा। इसी कारण वह अन्य देशों, खासकर भारत के साथ अपने रिश्तों को और गहराई देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यूरोप अब रणनीतिक स्वायत्तता को भी महत्व दे रहा है।
उन्होंने बेल्जियम के साथ भारत के पुराने और मजबूत संबंधों की भी सराहना की। जयशंकर ने कहा, “बेल्जियम हमेशा भारत का प्रमुख साझेदार रहा है और यह उन पहले देशों में से एक है जिसने भारत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।” उन्होंने कहा कि अब भारत सिर्फ राजनीतिक समझ से संतुष्ट नहीं है, बल्कि आर्थिक सहयोग, जनसंपर्क और प्रवासी भारतीयों के कल्याण को भी आगे बढ़ाना चाहता है।
विदेश मंत्री का यह संबोधन उस समय हुआ जब उन्होंने बेल्जियम के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रेवोस्ट से मुलाकात की। इस बैठक में आतंकवाद से निपटने और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। यह यात्रा उस पृष्ठभूमि में हो रही है जब तीन महीने पहले बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रिड के नेतृत्व में एक 300 सदस्यीय आर्थिक प्रतिनिधिमंडल भारत आया था। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जयशंकर से मुलाकात की थी और श्रम प्रवासन, फार्मा, रक्षा, हीरे, अंतरिक्ष और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशी थीं। गौरतलब है कि विदेश मंत्री जयशंकर 8 जून से 14 जून 2025 तक फ्रांस, यूरोपीय संघ और बेल्जियम की आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह यात्रा भारत की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह यूरोप के प्रमुख देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।