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प्रधानमंत्री आवास योजना- (शहरी) फ्लैट्स, घोघला उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति के संबोधन के मूल पाठ का अंश

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नई दिल्ली(विश्व परिवार)। पिछले 10 साल में एक बड़ों बदलाव आवे, बहुत बड़ा बदलाव। अब पदम श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण किनको मिलते हैं? जो गुदड़ी के लाल है, जो असली हकदार है। और लोग कहते हैं, भाई ठीक मिला, सही मिला। और यही हाल हुआ है भारत रत्न का भी, जो हाल में दिए गए हैं। मतलब है देश बदल रहा है।
दुनिया का सबसे बड़ा बदलाव इस शताब्दी का जनता का जो हितकारी कार्य हो सकता है, वो क्रांतिकारी तरीके से वहां हो रहा है जहां विश्व की 1/6 जनसंख्या है भारत में। आज के दिन दुनिया की नज़र में भारत इस शताब्दी के सबसे बड़े बदलाव का केंद्र बिंदु है।
हजारों साल पहले भारत था, बीच में रास्ता भटक गये। गत दशक में जो छलांग लगाई है, जो बड़ी छलांग लगाई है, जो बड़ा सोच रहा है, उसने भारत को दुनिया का मुख्य केंद्र बना दिया है।
क्या कभी कल्पना की थी कि सरकार की मदद से इस प्रकार का आवास बनेगा, बिजली होगी, गैस होगी, टॉयलेट होगा और प्रधानमंत्री जी ने अब सोलर का भी सिस्टम चालू कर दिया है। मजा ही मजा, मजा ही मजा। भारत जैसा कोई दूसरा देश अब नहीं है। ये मैं नहीं कह रहा। दुनिया की बड़ी संस्थाएं कह रही हैं और वो भी क्यों नहीं, बहुत बड़ा बदलाव जिसको सोचा नहीं था, वो हो रहा है। और सबसे बड़ा काम जो आज हुआ है जिसका असर दर पीढ़ी पर पड़ेगा। इन मकानों के मालिक कौन है, मालकिन है महिला शक्ति है। मकान की चाबी महिला के पास है।
आज के दिन सबसे बड़े बदलाव का केंद्र है– शिक्षा। मेरी आप सबसे गुजारिश है, अपने बच्चों की शिक्षा पर बहुत ध्यान दीजिए। यह जो कहा प्रफुल जी ने – कि इस प्रकार का फ्लैट, यदि किसी बड़े मेट्रो में है, तो एक करोड़ से कम नहीं है – सही नहीं कहा। एक करोड़ में कहां मिलता है? प्रफुल जी एक करोड़ से कहीं ज्यादा है। और जिस वातावरण के अंदर है यह जो व्यवस्था मैंने देखी है, जो प्लेग्राउंड मैंने देखा है, जो गार्डन मैंने देखा है, अद्भुत है। और सबसे महत्वपूर्ण, चेहरे पर चमक देखी है मैंने, आंखों की रोशनी देखी है, जो बताती है कि मेरा भारत, हमारा भारत, आज के दिन सही दिशा में जा रहा है।
यहां की खासियत एक है जो सैंक्शन होता है वो मुमकिन होता है। और देश में हर चीज मुमकिन क्यों हो रही है? क्योंकि मुमकिन करने वाला व्यक्ति देश का नेतृत्व कर रहा है।
वैसे तो नाम में बहुत कुछ रखा है और नर + इंद्र= नरेंद्र, नाम ने देश में सब कुछ मुमकिन कर रखा है। आज के दिन जल हो, थल हो, आकाश हो, अंतरिक्ष हो, हम सब आगे जा रहे हैं। और सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि आज के दिन हम हर पल हमारे देश की सोचे।
आज के दिन हम हर पल हमारे देश की सोचें, आज के दिन हर पल हम यह सोचें की हम रामराज्य की ओर बढ़ रहे हैं।

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