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छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई

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रायपुर { विश्व परिवार } छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलचा, कार्यकारी अध्यक्ष-राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल, ने बताया कि छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के कार्यकारिणी समिति की बैठक आज दिनांक 17 दिसम्बर 2024 को दोपहर 12.00 बजे चेंबर कार्यालय चै. देवीलाल व्यापार उद्योग भवन, बाम्बे मार्केट, रायपुर में आयोजित हुई।

बैठक की कार्यवाही विषय सूची के अनुसार प्रारंभ की गई जिसमें पिछली कार्यकारिणी समिति की बैठक की कार्यवाही का पठन एवं अनुमोदन, चेम्बर को प्राप्त लगभग 135 नए सदस्यता आवेदन पत्रों की सूक्ष्म जांच के पश्चात स्वीकृति प्रदान की गई एवं सदस्यों से प्राप्त आवेदन फर्मों के नाम, स्थान, प्रतिनिधि के नाम परिवर्तन, रुपए 10000  से अधिक के खर्च की स्वीकृति, व्यापार मेला एवं क्रिकेट मैच आयोजित करने पर विचार विमर्श किया गया। उपरोक्त सभी विषयों पर कार्यकारिणी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किये।
चेम्बर कार्यकारी अध्यक्ष श्री मनमोहन अग्रवाल ने न्यायालयीन प्रकरण के बारे में जानकारी दी ।
श्री पारवानी ने बैठक में उपस्थित समस्त व्यापारियों से कहा कि यदि किसी को भी ई वे बिल, जीएसटी से संबंधित कोई भी समस्या हो तो आप टेक्निकल टीम के सदस्य सी.ए. श्री मुकेश मोटवानी जी से संपर्क कर सकते हैं।
श्री प्रभात मलिक, डायरेक्टर इंडस्ट्रीज, छत्तीसगढ़ शासन ने नई उद्योग नीति के बारे में सदस्यों को जानकारी दी जो निम्नानुसार हैः-
1. स्थायी पूंजी प्रोत्साहन और ब्याज सब्सिडीः-
ऽ स्थायी पूंजी पर सब्सिडी का प्रतिशत औद्योगिक इकाई के प्रकार, स्थान, और श्रेणी पर निर्भर करता है। पिछड़े और अत्यंत पिछड़े ब्लॉकों में यह प्रतिशत दिया गया है।
ऽ ब्याज सब्सिडी का लाभ नए निवेश पर लिया गया ऋण पर लागू होता है, जिससे उद्यमियों का वित्तीय बोझ कम होंगा ।
2. अन्य प्रोत्साहन:-
ऽ जीएसटी प्रतिपूर्ति: निवेश पर लगाए गए राज्य जीएसटी का पुनर्भरण।
ऽ बिजली और स्टाम्प ड्यूटी में छूट: औद्योगिक इकाइयों को बिजली शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी में राहत।
ऽ मंडी शुल्क छूटः खाद्य प्रसंस्करण और कृषि उद्योगों के लिए मंडी शुल्क माफ।
ऽ परिवहन और पर्यावरण सब्सिडीः माल परिवहन और पर्यावरणीय प्रोजेक्ट्स के लिए सब्सिडी।
3. विशेष प्रोत्साहन:-
ऽ पिछड़े क्षेत्रों, महिलाओं, तीसरे लिंग के व्यक्तियों, और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में
स्थित उद्योगों को अतिरिक्त लाभ।
ऽ रोजगार सृजन के लिए प्रति कर्मचारी ₹15,000 का प्रशिक्षण भत्ता।
4. निवेश सीमा और क्षेत्रीय प्राथमिकता:-
ऽ यदि निवेश ₹200 करोड़ से अधिक है, तो प्रमुख परियोजनाओं को अतिरिक्त 5 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
ऽ पिछड़े और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर प्रोत्साहन की सीमा बढाई जाती है।
कुल लाभ का कैलकुलेशन:-
इन प्रोत्साहनों का संयुक्त प्रभाव परियोजना लागत के 100 प्रतिशत से लेकर 150 प्रतिशत तक हो सकता है, जिससे निवेशकों और उद्यमियों को राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
चेंबर अध्यक्ष श्री अमर पारवानी जी ने कहा कि इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनाने के लिए चेम्बर ने उद्योग विभाग के साथ मिलकर बहुत मेहनत किया है। हम अगले जनरेशन के लिए यह कार्य कर रहे हैं ताकि हमारी अगली पीढ़ी छत्तीसगढ़ में भी अपना स्टार्टअप चालू कर सके। चेंबर अगले 40-50 वर्षों के विजन को लेकर कार्य कर रही है।  जो व्यापारी उद्योग लगाना चाहते हैंतथा नये स्टार्टअप एवं एन्टरप्रेन्योर इसमें प्रवेश कर सकते हैं। लगभग सारे व्यवसाय को इस उद्योग नीति में शामिल किया गया है। यह एक बड़ा अवसर है, छत्तीसगढ़ विजन 2047 मील का पत्थर साबित होगा।
बंद के विषय पर नीतिगत निर्णय लेने आदि विषय पर चर्चा हुई। बैठक में अनेक सदस्यों ने राजनीतिक बंद के विषय में अपने-अपने विचार व्यक्त किये जिस पर चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने उनके सुझावों को सुरक्षित रखा।
बैठक का संचालन एवं आभार प्रदर्शन चेम्बर महामंत्री अजय भसीन ने किया ।
बैठक में प्रमुख रूप से चेम्बर सलाहकार- राकेश ओचवानी, सुरिन्दर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल, कार्यकारी महामंत्री कपिल दोशी, विकास आहूजा, चेम्बर टेक्नीकल टीम के सदस्य – सी.ए. मुकेश मोटवानी, सी.ए.किशोर बरड़िया, सी.ए. अरिहंत जैन, उद्योग चेम्बर अध्यक्ष अश्विन गर्ग, युवा चेम्बर महामंत्री कांति पटेल, महिला चेम्बर अध्यक्ष श्रीमती मधु अरोरा, कोषाध्यक्ष श्रीमती प्रार्थना भट्ट सहित पूरे प्रदेश से उपाध्यक्ष, मंत्री, कार्यकारिणी सदस्य एवं व्यापारिक औद्योगिक संघों के प्रतिनिधि सहित लगभग 200 कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।

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