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पहलगाम आतंकी हमले की निंदा पर विदेश मंत्री डॉ. एस.जयशंकर ने सेंट्रल एशियाई देशों का जताया आभार

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नई दिल्ली (विश्व परिवार)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए केंद्रीय एशियाई देशों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने चौथे भारत-सेंट्रल एशिया संवाद के उद्घाटन भाषण के दौरान कहा “मैं सराहना करता हूं कि आपके देशों ने भारत का साथ दिया और इस जघन्य आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ साझी प्रतिबद्धता को दोहराया।”
विदेश मंत्री ने भारत और सेंट्रल एशिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा “भारत अपने सेंट्रल एशियाई देशों से हजारों वर्षों पुराने सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को बहुत सम्मान देता है। व्यापार, विचारों के आदान-प्रदान और लोगों के संपर्क के माध्यम से बने ये रिश्ते समय के साथ और मजबूत हुए हैं।” उन्होंने बताया कि भारत और सेंट्रल एशिया के बीच आधुनिक कूटनीतिक संबंध 1992 में शुरू हुए थे जिनमें जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी पांच केंद्रीय एशियाई देशों की यात्राओं के बाद तेजी आई।
इस दौरान विदेश मंत्री ने बीते दशक में व्यापार और आर्थिक संबंधों में हुई प्रगति को उजागर किया। उन्होंने बताया कि भारत और सेंट्रल एशिया के बीच सीधी उड़ानों और पर्यटकों तथा व्यापारियों की बढ़ती आवाजाही से संपर्क बेहतर हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए सेंट्रल एशियाई देशों का रुख कर रहे हैं, जिससे लोगों के बीच संपर्क और मजबूत हुआ है। भारत की भूमिका एक विश्वसनीय विकास भागीदार के रूप में भी सामने आई है। एस. जयशंकर ने टेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, ICCR छात्रवृत्तियों और हाई-इंपैक्ट कम्युनिटी विकास प्रोजेक्ट्स का जिक्र किया, जिनके अंतर्गत स्कूलों को कंप्यूटर और अस्पतालों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास भारत की केंद्रीय एशिया के सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने याद दिलाया कि जनवरी 2022 में भारत और केंद्रीय एशिया के बीच पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन हुआ था, जिससे व्यापार, संस्कृति, सुरक्षा और कूटनीति के क्षेत्र में सहयोग को नया आयाम मिला। इसके अलावा, बीते गुरुवार को भारत-केंद्रीय एशिया बिजनेस काउंसिल की बैठक में डिजिटल टेक्नोलॉजी, फिनटेक और इंटर-बैंक सहयोग पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने व्यापार, निवेश, रक्षा, कृषि प्रसंस्करण, वस्त्र, दवा, क्षेत्रीय संपर्क, सुरक्षा, शिक्षा, संस्कृति और नई तकनीकों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और गहराने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि यह संवाद हमारे रिश्तों को और नजदीकी, गहराई, मजबूती और व्यापकता देगा और हमारे लोगों के हित में कार्य करेगा।”

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