बिलासपुर (विश्व परिवार)। दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत के मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। आरोप हैं कि फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम की लापरवाही से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भी 7-8 मरीजों की जान चली गई थी। इनमें से एक मरीज, दिग्गज कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल भी थे। राजेंद्र शुक्ल का ऑपरेशन 20 अगस्त 2006 को अपोलो अस्पताल में किया गया था, जब उनकी तबीयत बिगड़ी थी। ऑपरेशन के दौरान उनकी मौत हो गई, और इस ऑपरेशन का जिम्मेदार कथित डॉक्टर नरेंद्र ही थे। दमोह अस्पताल में हुई घटनाओं के बाद अब राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के परिजनों ने अपोलो अस्पताल में हुई मौतों की फिर से जांच करने की मांग की है। राजेंद्र शुक्ल के बेटे, प्रोफेसर प्रदीप शुक्ल ने बताया कि नरेंद्र कुछ महीनों तक अपोलो अस्पताल में काम कर रहा था, और इस दौरान कई मरीजों की मौत हुई थी। इस विवाद को बढ़ते देख, आईएमए के तत्कालीन अध्यक्ष और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वायएस दुबे ने जांच की, जिसमें यह पाया गया कि नरेंद्र के दस्तावेज फर्जी थे और वह असल में कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था, उसके पास केवल एमबीबीएस की डिग्री थी। इस मामले को लेकर अब अस्पताल प्रबंधन पुरानी फाइलें खंगालने में जुटा हुआ है।