रायपुर (विश्व परिवार। “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद –राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान (ICAR-NIBSM), रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में प्रभावी क्षेत्रीय भ्रमण और कृषक संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए गए। विशेष रूप से रायपुर और दुर्ग जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में यह गतिविधियाँ किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुईं।
इस अभियान के तहत ICAR-NIBSM के वैज्ञानिकों ने स्थानीय कृषि अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्रों तथा ग्रामीण किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद किया और उन्हें जैविक स्ट्रेस प्रबंधन, जलवायु स्मार्ट कृषि, सतत खेती, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन और कीट-रोग नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण व तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। वैज्ञानिकों ने किसानों को फसल विविधीकरण, बीज चयन, उन्नत बुआई तकनीक और समुचित उर्वरक उपयोग के विषय में भी जानकारी दी।
प्रत्येक भ्रमण के दौरान वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से समझा और स्थानीय कृषि परिस्थितियों के अनुसार समाधान सुझाए। इस संवादात्मक पहल के माध्यम से ICAR-NIBSM का उद्देश्य विज्ञान और तकनीक को खेत तक पहुंचाकर किसानों की आय में वृद्धि एवं कृषि क्षेत्र को अधिक आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाना है।
कार्यक्रमों के दौरान ICAR-NIBSM द्वारा विकसित प्रशिक्षण सामग्रियां और सूचनात्मक पुस्तिकाएं भी वितरित की गईं, जिससे किसानों को दीर्घकालीन लाभ मिल सके। इन अभियानों में महिला किसानों की भी भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संस्थान की यह पहल समावेशी और टिकाऊ विकास की दिशा में सशक्त कदम है।
ICAR-NIBSM के निदेशक डॉ. राय ने बताया कि यह अभियान आने वाले महीनों में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी जारी रहेगा और संस्थान वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि को समृद्ध करने हेतु निरंतर कार्यरत रहेगा।