- अनुपपुर के कलेक्टर,एस पी ने देखा घटनास्थल,पचास पचास हजार रुपयों की सहायता राशि दी जायेगी
गौरेला(विश्व परिवार)। अमरकंटक के जैन तीर्थ परिसर में जैन धर्मावलंबियों की व्यवसायिक दुकानों में मध्यरात्रि में आग लगने से सभी बीस दुकानें जलकर राख हो गयीं। इन दुकानों में सौंदर्य प्रसाधन व कीमती खिलौनों सहित अन्य श्रृंगार की कीमती वस्तुओं का विक्रय किया जाता था। अनुमान है कि करोड़ों की हानि हुई है। आग लगने के कारण का पता नहीं चला है।दुकानदारों द्वारा संभावना व्यक्त की जा रही है कि उनके व्यवसाय से द्वेष रखने वालों का हाथ हो सकता है। इन दुकानों में 11 दुकानें जैन धर्मियों और एक दुकान सोनी की थीं।
अमरकंटक आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक इन दुकानों से खरीददारी करते थे।बाहर से आकर बसे इन दुकानदारों के प्रति ईर्ष्या रखने वाले के ऊपर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। आग लगने की त्रासदी की सूचना पर अनुपपुर जिला के कलेक्टर और एह पी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पीड़ित दुकानदारों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया और प्रशासन की ओर से पचास पचास हजार रुपयों की सहायता राशि की घोषणा की।
अमरकंटक जैन मंदिर के सामने की दुकानों में लगी आग
आग की लपट इतनी तेज थी कि दुकानों में रखा हुआ सामान कुछ ही देर में ही सब कुछ जलकर हुआ राख हो गया।
12 दुकानें जलकर हुई राख ,करोड़ो का माल भरा हुआ था इन दुकानों में वो सब आग की भेंट चढ़ गया।
दुकान दारों ने जानकारी देते हुए बताया कि रात करीब 9 30 से 12 बजे के आसपास आग लगने की घटना हुई होगी।
दुकानों को बंद कर के सभी दुकानदार घर गए ही थे उसी दौरान हुआ आग लगने का हादसा की सूचना मिली।
दुकान दारों ने आशंका जताई है कि किसी शत्रुता रखने वाले तत्त्व के द्वारा जानबूझकर आग लगाई गई ।
अमरकंटक जैन मंदिर परिसर के पास ही मौजूद है नगर पंचायत और फायर ब्रिगेड
दूकान दारों ने बताया कि आग लगने के बाद बार बार फोन लगाया गया कोई भी जिम्मेदार सही समय पर नही पहुँचा
देखते देखते ही 12 दुकानों में रखे करोड़ो रूपये के सामान जलकर राख हो गये।
इस हानि से इन दुकानदारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट छा गया है।
अमरकंटक में जैन धर्म का विशाल व भव्य मंदिर स्थापित है। इस मंदिर में अष्टधातु से ढली संसार की सर्वाधिक वजनी भगवान आदिनाथ की प्रतिमा के दर्शन के लिये वर्ष भर लाखों दर्शनार्थी आते हैं। प्रशासन को इस लोकप्रिय सर्वोदय जैन तीर्थ की सुरक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।