- अब हार्ट सर्जरी के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं, रायपुर में मिली नई सुविधा
रायपुर (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया मील का पत्थर तब जुड़ा जब डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के हार्ट सर्जरी विभाग में पहली कोरोनरी बाइपास सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बहुप्रतीक्षित सुविधा की शुरुआत से राज्य के हृदय रोगियों को अब बेहतरीन इलाज स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होगा।
यह ऐतिहासिक सर्जरी हार्ट सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. कृष्णकांत साहू और उनकी विशेषज्ञ टीम ने की। मरीज दुर्ग जिले के 72 वर्षीय एक सेवानिवृत्त शासकीय कमर्चारी थे, जिन्हें गंभीर हृदय रोग था। उनकी लेफ्ट मेन कोरोनरी आटर्री में 65% और अन्य तीन नसों में 90-95%तक ब्लॉकेज था, जिसके चलते अन्य अस्पतालों में एंजियोप्लास्टी संभव नहीं थी।
मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने बाइपास सर्जरी की सलाह दी, जिसके लिए मरीज और उनके परिवार ने अंबेडकर अस्पताल को चुना।
सर्जरी की चुनौतियां और सफलता
यह ऑपरेशन बेहद जटिल था क्योंकि मरीज का हृदय केवल 35-40% क्षमता से काम कर रहा था और उन्हें क्रॉनिक किडनी डिजीज भी थी। ऐसे मरीजों में किडनी फेलियर और डायलिसिस की संभावना अधिक रहती है। बावजूद इसके, डॉ. साहू और उनकी टीम ने इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
क्या है कोरोनरी बाइपास सर्जरी
ओपन हार्ट सर्जरी में दिल के चेंबर को खोलकर इलाज किया जाता है, जबकि कोरोनरी बाइपास सर्जरी में दिल के मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली बंद नसों के पास नई नसें (ग्राफ़्ट) जोड़ी जाती हैं। यह सर्जरी दो प्रकार की होती है- पहली आन-पंप सीएबीजी, हार्ट-लंग मशीन की सहायता से और दूसरी आफ-पंप बीटिंग हार्ट सर्जरी, बिना मशीन के।
स्वास्थ्य सेवाओं में नया युग
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त किरण कौशल, अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी और अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर के मार्गदर्शन में यह उपलब्धि संभव हुई। इस सफलता से रायपुर के अंबेडकर अस्पताल को राज्य के सबसे भरोसेमंद हृदय रोग उपचार केंद्रों में शामिल कर दिया गया है।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ के हृदय रोगियों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है बल्कि यह राज्य की चिकित्सा सुविधाओं को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।