गरियाबंद(विश्व परिवार) | सावन का आज पहला दिन है और सावन की शुरुआत ही सोमवार के साथ हुई है। छत्तीसगढ़ के कई शिवालयों में देर रात से ही महादेव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए लंबी लाइन लग गई हैं।
मंदिरों में भक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर बोलबम के जयकारे लगा रहे हैं। वहीं विश्व के विशालतम प्राकृतिक शिवलिंग भूतेश्वरनाथ में आज दिनभर कांवड़ियों तथा भगवान शिव के भक्तों का ताता लगा हुआ है। सुबह बाढ़ के चलते जो कांवड़ यात्री नहीं पहुंच पा रहे थे नाले में पानी कम होने के बाद वे भूतेश्वरनाथ पहुंच गए। भक्तों ने भगवान को बेल पत्र चढ़ाकर उनकी पूजा की। बेलपत्र, धतूरे व आंक के फूल लिए भक्त शिव मंदिर में कतार में लगे दिखे।वैसे तो सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी लेकिन सुबह करीब 9 से दोपहर 1 बजे तक पूजा के लिए ज्यादातर मंदिरों में कतार लग गई थी।
नगर सेना की टीम ने श्रद्धालुओं को नाला पार कराया
अत्यधिक बारिश के चलते है भूतेश्वर मंदिर दर्शन करने आए श्रद्धालु पारागांव नाले में फस गए। दोपहर दो बजे के बाद यहां बाढ़ आ गई। हालाकि पानी कम था लेकिन स्थानीय प्रशासन ने घटना की आशंका को देखते हुए रिस्क लेना जरूरी नहीं समझा। करीब 3 घंटे के बाद एसडीआरएफ नगर सेना की टीम पहुंची जिसके बाद श्रद्धालुओं को नाला पार कराया गया।
सावन के आज पहले सोमवार पर दूर-दूर से भक्त गरियाबंद के भूतेश्वर नाथ शिवलिंग के दर्शन के लिए पहुंचे। दोपहर 12:30 बजे तक लगभग 5000 श्रद्धालुओं ने भूतेश्वर महादेव पहुंचकर दर्शन किया, तो वहीं लगभग 500 कांवड़ यात्री भी अपने क्षेत्र की नदियों का जल लेकर यहां पहुंचे है।
घरों में भी होने लगी है आराधना
सावन का महिना शिव पूजन व सिद्धि प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है इसलिए जिनको कालसर्प दोष या अकाल मृत्यु की आशंका रहती है वे अनिष्ट को दूर करने के लिए अपने घरों में विशेष पूजा अर्चना भी करातें हैं। कई घरों में महामृत्युंजय का जप, कालसर्प दोष निवारण के लिए यज्ञ अनुष्ठान कराए जा रहे हैं।