- दस दिवसीय जैन रामायण कथा का चौथा दिन – सीता का हरण प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भावुक-आंखों से निकले आंसू
- -सायंकाल हुई महाआरती एवं भक्ति संध्या में झूमे श्रद्धालु-
- प्रतिदिन प्रातः 8.15 बजे से 10.15 बजे तक हो रहा आयोजन – 27 मई को होगा भव्य समापन
जयपुर (विश्व परिवार)। राजस्थान जैन युवा महासभा, जैन कनेक्ट, दुर्गापुरा जैन मंदिर ट्रस्ट एवं महिला मंडल दुर्गापुरा के संयुक्त तत्वावधान में दिगम्बर जैन मुनि जयकीर्ति के मुखारबिंद से गुलाबी नगरी जयपुर की पुण्य धरा पर पहली बार दुर्गापुरा के श्री दिगम्बर जैन मंदिर चन्द्र प्रभजी में दस दिवसीय जैन रामायण कथा का आयोजन चल रहा है। कथा में चौथे दिन मुनि जयकीर्ति महाराज ने रावण का जन्म, युवा अवस्था का वर्णन, घोर तपस्या, रावण द्वारा सीता हरण, जटायु द्वारा सीता रक्षा में प्राण त्यागना, राम का कर्ण विलाप एवं राम द्वारा जिन भक्ति दर्शन के
प्रसंगों पर प्रकाश डाला।
सीता हरण का प्रसंग सुनकर श्रोता भावुक हो उठे। कई महिलाओं की आंखों से अश्रु बहने लगे।
राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन एवं प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि रविवार, 18 मई से मंगलवार, 27 मई, 2025 तक प्राचीन जैन ग्रन्थ ‘पद्मपुराण’ पर आधारित जैन रामायण कथा के भव्य संगीतमय आयोजन मे चौथे दिन बुधवार को भगवान चन्द्र प्रभू के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन समाज श्रेष्ठी जी सी जैन, पं. चन्दन मल अजमेरा, विनोद जैन कोटखावदा, ज्ञान चन्द झांझरी, सुनील संघी, नरेश बाकलीवाल एवं ने किया।
ब्रह्मचारिणी पल्लवी दीदी द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
मुनि श्री जयकीर्ति महाराज के पाद पक्षालन समाज श्रेष्ठी अशोक – नीलू गंगवाल महारानी फार्म एवं सुशीला देवी पोद्दार नैनवा वालों ने किया।
इस मौके पर आयोजन समिति की ओर से प्रदीप जैन,विनोद जैन कोटखावदा, सुभाष बज चेतन जैन निमोडिया,रुपल गंगवाल, हिमांशु बज,मनीष सोगानी, कमलेश जैन, प्रकाश चांदवाड, सुनील संघी,नरेश बाकलीवाल, राजेन्द्र काला, रितु चांदवाड,रेखा लुहाड़िया, रानी सोगानी, रेखा पाटनी, प्रेम देवी बाकलीवाल आदि ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया।
तत्पश्चात कथा के मुख्य श्रोता राजा श्रेणिक के रुप में जैन कनेक्ट परिवार के सदस्यों का गाजों बाजों के साथ सभागार में जयकारों के बीच आगमन हुआ।
राजा श्रेणिक परिवार परिवार द्वारा मुनि श्री को जिनवाणी भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। तत्पश्चात राजा श्रेणिक बने जैन कनेक्ट के अंकुर – करिश्मा पाटनी एवं राहुल-दीपिका गोधा, राज कुमार सेठी ने मुनि श्री से प्रश्न किया कि हे गुरुवर सीता माता का हरण कैसे हुआ? मुनि श्री द्वारा समाधान के रुप में रविषेणाचार्य द्वारा रचित प्राचीन जैन ग्रन्थ ‘पद्मपुराण’ में उल्लेखानुसार जैन रामायण कथा का वाचन प्रारम्भ किया।
गुरुदेव के मुखारविंद से राम कथा के चौथे दिन
वैराग्य के बीज बोने वाली राम कथा…… सीता का हरण और गुरुदेव का अदभुत वाचन… देखने लायक था। आहार दान का अचिंत्य फल गुरुदेव ने बताया.. दाता को उत्तम भागों को प्रदान करने वाला है….पात्रदान . एवं पात्र को वैराग्य , तप, ज्ञान ,संयम मोक्ष का रत्नत्रय का दान देने वाला है…
इस आहार दान से राम लक्ष्मण और सीता को एक उत्कृष्ट और वैभवशाली रथ की प्राप्ति होना, दंडक वन में लक्ष्मण को सूर्यह्रास खड्ग की प्राप्त होना
रावण का पणजन्म ,बाल्यावस्था ,युवावस्था का वर्णन, रावण भानुकर्ण एवं विभीषण तीनों भाई घनघोर वन में घोर तपस्या करके धन ,वैभव और विधाओं को प्राप्त करते हैं
गुरु द्वारा मना करने पर भी शंबुक ने सूर्यह्रास खड्ग की प्राप्ति के लिये वन में घोर साधना की गुरु आज्ञा उल्लंघन के फल स्वरूप शंबुक का वध…
लक्ष्मण के हाथों से अनजाने में शंभुक की मृत्यु, चंद्रनखा का राम लक्ष्मण पर मोहित होना,ख़रदूषण एवं लक्ष्मण का युद्ध…
युद्ध के लिए आते हुए रावण को सीता के रूप को देखकर मोहित होना और सीता को हरण कर ले जाना…जटायु द्वारा सीता के रक्षा करते हुवे मरनासन्न होना…सीता को न देखकर राम का कर्ण विलाप…राम द्वारा मरणासन्न जटायु को महा मंत्र णमोकार सुनाया जाना…जिससे जटायु मरकर स्वर्ग का देव बनना …
विरादित राजा द्वारा सीता की खोज में राम लक्ष्मण का सहयोग करना…राम द्वारा जिन भक्ति जिन दर्शन का वर्णन … आदि विषयों का नवरस युक्त विस्तार पूर्वक अद्भुत वर्णन गुरुदेव के द्वारा किया गया।
मुनि श्री ने गद्य एवं पद्य के माध्यम से मांगी तुंगी तीर्थ से मोक्ष गये जैन धर्म के आठवें बलभद्र श्री रामचन्द्र के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा, जी सी जैन, मनोज सोगानी, चेतन जैन निमोडिया आदि ने श्रीफल भेट कर मुनि श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
चित्रकूट जैन समाज की ओर से अध्यक्ष अनिल बोहरा एवं मंत्री मूल चन्द पाटनी के नेतृत्व में मुनि श्री को अल्प प्रवास हेतु श्रीफल भेट किया।
प्रातः 11.00 बजे कथा का समापन हुआ ।मंच संचालन कर रहे राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने सायंकालीन एवं बुधवार को होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।
आभार विनोद जैन कोटखावदा, राजेन्द्र काला एवं अनुज जैन ने व्यक्त किया।
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के जिला अध्यक्ष संजय पाण्डया एवं महामंत्री सुभाष बज ने बताया कि सायंकाल 7.00 बजे राजा श्रेणिक परिवार एवं उपस्थित सैकडो श्रद्धालुओं द्वारा जिनेन्द्र देव की आरती के बाद मुनि श्री की भव्य आरती की गई।
गुरु भक्ति के आयोजन के बाद पदमप्रभू चालीसा का पाठ, आध्यात्मिक एवं संदेशात्मक भजनों की प्रस्तुति दी गई।
राजस्थान जैन युवा महासभा के जिला अध्यक्ष संजय पाण्डया एवं जिला मंत्री सुभाष बज के अनुसार जयपुर से पूर्व पद्मपुराण पर आधारित जैन रामायण कथा संगीतमय का आयोजन मुम्बई, नागपुर, पटना सहित अन्य कई शहरों में किया जा चुका है। कथा के संगीतमय आयोजन के लिए कोल्हापुर महाराष्ट्र से संगीतकारों की टीम बुलाई गई है ।
इस मौके पर समाज श्रेष्ठी उदय भान जैन, अशोक जैन नेता,मनीष बैद, कैलाश छाबड़ा, नवीन जैन बिल्टीवाला, शिखर चन्द कासलीवाल, ज्ञान चन्द झांझरी, प्रकाश गंगवाल,
राजीव जैन लाखना, ओम प्रकाश कटारिया, सहित बड़ी संख्या में गण मान्य लोग शामिल हुए।
विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि गुरुवार, 22 मई को प्रातः 8.15 बजे से जैन रामायण कथा का व्याख्यान शुरु होगा। कथा के प्रमुख श्रोता राजा श्रेणिक का पुण्यार्जन समाज श्रेष्ठी अनूप देवी, शिखर चन्द – कुसुम देवी, मनोज – स्मिता, कृश, सिद्धेश कासलीवाल साईवाड वाले करेगें। सांसद मंजू शर्मा, पूर्व सांसद राम चरण बोहरा, जोधपुर एम्स के अध्यक्ष डॉ एस एस अग्रवाल गौरवमयी अतिथि के रूप में शामिल होंगे।