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राजस्थान सरकार की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने लिया आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज का आशीष पर्यावरण संरक्षण जरूरी वसुंधरा राजे

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झालरापाटन(विश्व परिवार)| श्री दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में स्थानीय शांतिनाथ जी के बाड़े में आयोजित आनंद यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तपोभूमि प्रणेता पर्यावरण संरक्षक 108 आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज ने कहा कि राजस्थान राजाओं की धरती है राजा का धर्मनिष्ठ होना जरूरी है वह चाहे कितना भी व्यस्त हो ईश्वर के लिए समय निकालना जरूरी होता है |
पद जरूरी नहीं है व्यक्ति का कद बड़ा होना चाहिए राजघराने से संबंध होने के बाद भी वसुंधरा जी का क्षेत्र के लोगों से दिल का संबंध है|
आचार्य श्री ने कहा कि व्यक्ति को परीक्षा से नहीं घबराना चाहिए कभी भी परीक्षा से मुंह नहीं छिपाना चाहिए जो परीक्षा देता है वहीं पास होता है इससे ही पता लगता है कि आप कितने गहरे पानी में है परीक्षा ही मापदंड पैदा करती है|
उन्होंने कहा सीता अग्नि परीक्षा देकर, राधा जी ने प्रेम की परीक्षा देकर, पार्वती ने शिव के लिए और वसुंधरा जी ने भी परीक्षा देकर अपने आप को साबित किया|
जीवों और जीने दो
आचार्य श्री ने कहा जैन धर्म की मूल भावना जीवों और जीने दो इन चार शब्दों में चार धाम छिपे हैं चारों वेद, अनोयोग इन चार शब्दों में समाहित है जो व्यक्ति इन चार शब्दों को आत्मसात कर लेता है वह चारों धाम क यात्रा कर लेता है|
चुनौती स्वीकार करें
आचार्य श्री ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में अनेक उतार चढ़ाव आते हैं परंतु उसे हमेशा गतिशील रहना चाहिए चलते रहने वाले की जीत निश्चित है हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए और चुनौतियां को स्वीकार करना चाहिए|
क्षमा करना सबसे बड़ा धर्म
आचार्य श्री ने कहा कि 300 धर्म और 3600 संप्रदाय में जैन धर्म मात्र इकलौता धर्म है जो क्षमा पर्व मनाता है क्षमा पर्व झुकना सीखाता है एक परमाणु बम सारी दुनिया मिटा सकता है तो क्षमा दुनिया को मिला सकता है|पेड़ पौधों से इंसान तक जीवन जीना चाहता है धरती को अणुबम की नहीं अणुव्रत की आवश्यकता है|
भगवान महावीर ने अहिंसा का अमृत बरसाया है|
विकसित भारत का संकल्प
महाराज श्री ने कहा कि परिवार के लिए तो रोजाना जीते हैं सप्ताह में एक दिन या माह में एक दिन राष्ट्र को समर्पित करें| वृक्ष, पर्यावरण, गौ माता का सम्मान करना जीवनचर्या में शामिल करें और सन 2047 में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना योगदान दें|
धर्म सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि संतों की तपस्या की किरणें हमारे ऊपर पढ़ने से क्षेत्र में खुशहाली और विकास होता है आपने झालरापाटन में चातुर्मास कर हमें कृतार्थ किया आपके पांव निरंतर बार-बार इस धरती पर पड़े तो यहां का उद्धार संभव है धर्म का मूल सिद्धांत अहिंसा होना चाहिए|
पर्यावरण संरक्षण जरूरी
राजे ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण बहुत जरूरी हो गया है आपके द्वारा इस चातुर्मास को पर्यावरण संरक्षण का नाम देकर एक करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया है हमने 21 लाख वृक्ष प्रशासन के माध्यम से लगाने का लक्ष्य तय किया है जिसमें 19 लाख वृक्ष लगाए जा चुके हैं|
राजे ने कहा कि जैन समाज से सीख लेना चाहिए समाज का महत्व समझना चाहिए क्षमा मांगने से छोटे नहीं बन जाते हैं और क्षमा मांगने से दिल का बोझ उतर जाता है प्रेम से दिलभर जाता है
राजे ने कहा कि मेरा क्षेत्र के लोगों से दिल का रिश्ता है यह रिश्ता 35 वर्ष पुराना है यहां आकर मुझे ऊर्जा का संचार होता है |संत और परिवार एक साथ हो तो फिर कोई तकलीफ नहीं आती हैइससे पूर्व इंदौर निवासी प्रखर जैन द्वारा मंगलाचरण गीत “बधाई हो बधाई “सुना कर सभी का मन मोह लिया|
इनका किया सम्मान
श्रीमति वसुंधरा राजे, राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा, लोकसभा प्रभारी छगन माहुर विधायक गोविंद रानीपुरिया, कालूराम मेघवाल पूर्व जिला अध्यक्ष संजय जैन ताऊ ,पूर्व विधायक नरेंद्र नागर ,निर्मल कुमार सकलेचा सभापति संजय शुक्ला महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष रंजीता पांडे भाजपा नेता दिनेश जैन, रामेश्वर पाटीदार ,महामंत्री संजय वर्मा, प्रधान भावना झाला पूर्व विधायक निर्मल कुमार सकलेचा का राजेंद्र बागड़िया नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा मनीष चांदवाड़, मुकेश चेलावत, कमल अजमेरा ,अशोक चांदवाड़, पंकज कासलीवाल , अनिल पाटनी भूपेंद्र जैन द्वारा आचार्य श्री की तस्वीर, स्मृति चिन्ह भेंटकर अतिथियों का सम्मान किया गया| सभी अतिथियों द्वारा महाराज जी की आरती की गई| कार्यक्रम का संचालन यशोवर्धन बाकलीवाल ने किया और आभार मनीष चांदवाड़ ने व्यक्त किया

 

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