नई दिल्ली (विश्व परिवार)। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र की विपक्ष की बढ़ती मांग के बीच, सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। नियमित मानसून सत्र पहले से ही जुलाई में निर्धारित है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र की मांग उचित नहीं है क्योंकि संसद का अगला सत्र नजदीक है। यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा ऑपरेशन सिंदूर और चौफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के हालिया बयान पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग के बाद आया है, जिन्होंने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विमानों को मार गिराए जाने पर टिप्पणी की थी, लेकिन ब्यौरा नहीं बताया था।
सूत्रों के अनुसार, सरकार संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने पर विचार कर सकती है, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मानसून सत्र में बयान दे सकते हैं। उन्होंने इस चर्चा को भी खारिज कर दिया कि 25-26 जून को ‘आपातकाल’ की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। सूत्रों ने कहा, आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष सत्र आयोजित करने की चर्चा पर कोई सच्चाई नहीं है यह कुछ नेताओं की कल्पना मात्र है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केंद्र को शुरुआती समर्थन देने के बाद राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर हमले तेज कर दिए। राहुल ने पूछा कि 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान के साथ चार दिनों तक चली सैन्य मुठभेड़ में भारत ने कितने विमान गंवाए। सरकार ने पाकिस्तान और उसके आतंकवाद को समर्थन देने तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को उजागर करने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी भेजे हैं।