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अन्तर्मना, आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश व गमन

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जबलपुर(विश्व परिवार)। निरंतर चल रही अष्टापद- बद्रीनाथ अहिंसा संस्कार पदयात्रा के अहम पड़ाव में आज भारत गौरव साधना महोदधि,सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना, आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज सहित 16 साधु ऐलक छुल्लक, माताजी एवं ब्रह्मचारी भाइयों का ससंघ आगमन पओदय तीर्थ भेड़ाघाट में दो संतों के मिलन एवं अपनी अपनी दिशा में बिहार के पश्चात श्री पिसनहारी तीर्थ में हुआ, अन्तर्मना, आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ की आगवानी श्री पिसनहारी मढ़िया जी
तीर्थ के पदाधिकारियों संजय चौधरी उपाध्यक्ष,संजय अरिहंत प्रधानमंत्री,सुबोध कामरेड, कोषाध्यक्ष दिनेश चौधरी,सहित ट्रस्टियों द्वारा की गई। तीर्थ पर पहुंचने के पश्चात, अन्तर्मना ने तुरंत ही पहाड़ी पर स्थापित पद्मप्रभु भगवान के दर्शन करने की भावना प्रकट की अतः प्रधानमंत्री संजय अरिहंत एवं विशाल जनसमूह ने पहाड़ी पर स्थित जिनालयों के दर्शन आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में किए तत्पश्चात सौम्यमूर्ति ने नीचे तलहटी में स्थित 1008 भगवान महावीर मंदिर एवं नंदीश्वर मंदिर के दर्शन किए।

भावुक हुए सौम्यमूर्ति,साधना महोदधि,उपवास सम्राट आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी
क्षेत्र के उपाध्यक्ष चौधरी संजय जैन ने बतलाया कि आज दर्शन उपरांत संध्या गुरुभक्ति के पावन अवसर पर उपवास सम्राट प्रसन्न सागर जी, आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के चित्र को देख भावुक हो गए,उन्होंने श्री पिसनहारी मढ़िया तीर्थ को आचार्य श्री की तपोभूमि निरूपित करते हुए कहा कि यहां का कण गुरुवर श्री 108 ने आचार्य श्री विद्या सागर जी का स्मरण करवाता हैं, आचार्य श्री के पावन दर्शन एवं संग बिताए क्षणों का जीवंत वर्णन व स्मरण कर आचार्य 108 प्रसन्न सागर जी की आँखें भीग गई उन्होंने उपस्थित जनों के समक्ष रुंधे गले से वाणी को विराम देते हुए 108 सहज सागर जी को संबोधन का दायित्व सौंप दिया।

4 बजे सुबह पूजन करवाया
यहां यह भी स्मरणीय हैं कि
पिसनहारी तीर्थ स्थित 1008 भगवान महावीर मंदिर जी में अन्तर्मना, 108 प्रसन्न सागर जी महाराज द्वारा उपस्थित धार्मिक श्रध्दालुओ को सुबह 4 बजे से संगीतमय पूजन व आराधना का सौभाग्य करवाया गया।

सिंहनिष्कड़ित,उपवास व्रतकर्ता
ज्ञात हो कि भारत गौरव, साधना महोदधि,सिंहनिष्कड़ित उपवास व्रत कर्ता, अन्तर्मना, आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज द्वारा सम्मेद शिखर जी की पहाड़ी पर 557 दिनों में मात्र 61 दिन आहार प्राप्त किया, 497 दिनों तक बगैर पानी की बूंद ग्रहण किए, साधनारत रहे,आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज के लंबे लंबे चलने वाले, उपवास के लिए धार्मिक जगत में सिंहनिष्कड़ित,उपवास व्रत कर्ता की उपाधि प्राप्त हुई हैं। आपके लंबे निर्जल उपवास व्रत मेडिकल साइंस के लिए भी चमत्कार से कम नहीं हैं।
अमृत धाम पहुचेंगे अंतर्मना
108 श्री प्रसन्न सागर जी महाराज आज सुबह श्री पिसनहारी तीर्थ से कटंगी मार्ग स्थित अमृत तीर्थ जिनालय पहुचेंगे दर्शन पूजन एवं आहारचर्या वही सम्पन्न होगी।

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