Home जशपुर जशपुरनगर में जैन समाज का ऐतिहासिक मिलन, धार्मिक जाप से गूंज उठा...

जशपुरनगर में जैन समाज का ऐतिहासिक मिलन, धार्मिक जाप से गूंज उठा महाराजा मंगल चौक

46
0

जशपुरनगर (विश्व परिवार)। सोमवार की सुबह जशपुरनगर के महाराजा चौक में जैन समाज के लिए एक अत्यधिक धार्मिक और भक्तिभावपूर्ण वातावरण देखा गया। इस दिन जैन समाज के दो प्रमुख संतों का मिलन हुआ, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पल था। जैन समाज के आचार्य विद्यासागर के परम प्रभावक शिष्य मुनि सागर जी एवं अतुल सागर महाराज के साथ गणाचार्य विराग सागर महाराज की शिष्या 105 विभा जी संघ का एक साथ मिलन हुआ।
यह आयोजन तब हुआ जब मुनि सागर जी एवं अतुल सागर जी झारखंड में स्थित प्रमुख जैन तीर्थस्थल, सम्मेद शिखर की ओर पद विहार कर रहे थे। साथ ही गणाचार्य विराग सागर महाराज की शिष्या आर्यिका विभा माता जी अपने संघ के साथ सम्मेद शिखर से इंदौर के लिए पद विहार करते हुए जशपुर पहुंचीं। इस दौरान दोनों संतों का मिलन होने से पूरे क्षेत्र में एक भक्तिमय और धार्मिक वातावरण बन गया। मुनि व विभा माता जी संघ के जशपुर आगमन पर महाराजा चौक जयकारों से गुंजा उठा। समाज के लोग बड़ी संख्या में इस धार्मिक मिलन के गवाह बने। दोनों ओर से संतों के आगमन के साथ ही पूरा चौक भक्तिभाव से भरा हुआ था। संतों का मिलन एक धार्मिक पर्व के रूप में देखा गया, जहां संतो के दर्शन कर समाज के लोग धन्य महसूस कर रहे थे। चौक में मंगल मिलन के बाद संघ जशपुर स्थित स्थानीय जैन मंदिर में प्रवास हेतु पहुंचा। वहां उन्होंने समाज के लोगों को धर्म, अहिंसा, और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। मुनि श्री ने समाज को धर्म के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए प्रवचन भी दिया।
संत निवास में संतों के लिए विश्राम स्थल बनाया गया
जशपुर में संतों के प्रवास के लिए समाज द्वारा संत निवास का निर्माण कराया गया है। सम्मेद शिखर जी जाने के लिए जशपुर मुख्य मार्ग पर पड़ने के कारण समाज ने संतों के विश्राम और आहारचर्या के लिए ये निवास बनाए हैं। जशपुर में चरईड़ाड, महवाटोली और झारखंड बॉर्डर में स्थित टांगरटोली में संत निवास बनाए गए हैं, जहां संतों का प्रवास होता है। ये निवास संतों के पद विहार के दौरान उन्हें विश्राम और आहार के अवसर प्रदान करते हैं। जशपुर नगर में हुए इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन ने जैन समाज को एक बार फिर से अपने धर्म और संस्कृति की गहरी समझ और प्रेरणा दी। संतों के दर्शन और प्रवचन ने आध्यात्मिक उत्साह उत्पन्न किया, जो आने वाले दिनों में समाज को सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन देगा।
जशपुर स्थित जैन मंदिर में शीतकालीन वाचन कार्यक्रम का आयोजन
मंगल मिलन के साथ-साथ जशपुर स्थित जैन मंदिर में शीतकालीन वाचन कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है। गणाचार्य विराग सागर जी महाराज की शिष्या विभा माता जी का संघ वर्तमान में इस कार्यक्रम में भाग ले रहा है। वाचन कार्यक्रम में जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं, और प्रतिदिन समाज के लोगों को सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह आयोजन समाज के लोगों के लिए एक धार्मिक और शिक्षाप्रद अनुभव साबित हो रहा है। जैन समाज के लिए संतों का मिलन एक भावुक और गौरवमयी क्षण होता है। यह पल समाज के लोगों के लिए अत्यधिक भक्तिपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान दो अलग-अलग मार्गों से पद विहार करते हुए आ रहे जैन संत एक ही स्थान पर मिलते हैं। यह दृश्य समाज के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बन जाता है, और संतों के मिलन को लेकर लोग बड़े श्रद्धाभाव से उपस्थित होते हैं
मुनि संघ का सानिध्य जैन समाज के लिए आशीर्वाद
जशपुर जैन समाज को हमेशा अलग-अलग जैन मुनि संघ का सानिध्य प्राप्त होता है। मुनि संघ का आवागमन यहां नियमित रहता है, क्योंकि जशपुर, झारखंड के सम्मेद शिखर तीर्थस्थल जाने के रास्ते में स्थित है। मुनि संघ जशपुर के रास्ते होते हुए सम्मेद शिखर की ओर जाते हैं, और इस दौरान जशपुर के जैन समाज को मुनि संघ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मुनि संघ के प्रवास से जशपुर के लोगों को धर्म, अहिंसा, और सत्य के संदेश मिलते हैं, जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं और उन्हें आत्मिक शांति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here