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पत्रकार गंभीरता जिम्मेदारी निभाएं तो समाज में बदलाव आना तय

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सत्य लिखने व बोलने से डरने वाले लोग पत्रकारिता में न आयें : शरद प्रधान
प्रिंट मीडिया की ताकत अभी बची हुई :अरविंद कुमार सिंह
गलत सूचनाओं की बाढ़ भी समाज को खत्म कर देगी : अरुण कुमार त्रिपाठी
समाज में लोगों के पास सच को जानने का समय नहीं : रामदत्त त्रिपाठी
सूचनाओं की सुनामी सच्ची खबरों को बहा ले जा रही  : प्रदीप जैन 
0 जनमोर्चा के स्थापना दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में बोले वक्तागण
जनमोर्चा का 67 वां स्थापना दिवस समारोह संपन्न 
अयोध्या (विश्व परिवार)। सत्य लिखने व बोलने से डरने वाले लोग पत्रकारिता के क्षेत्र में न आयें । गलत के खिलाफ  लिखना और आवाज उठाना पत्रकारिता का ध्येय होना चाहिए । समाज पर आरोप लगाने के बजाय अगर पत्रकार गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी को निभाएं तो समाज में बदलाव आना तय है ।
यह बातें स्थानीय प्रेस क्लब में जनमोर्चा  दैनिक के 67 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य वक्ता, वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक शरद प्रधान ने कहीं । इस मौके पर ‘सूचनाओं की बाढ़ और मीडिया का सच’ विषय पर हुई संगोष्ठी में श्री प्रधान ने पत्रकारिता में टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की नसीहत देते हुए कहा कि हमें टेक्नोलॉजी का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि तकनीक के साथ चलना चाहिए । यही टेक्नोलॉजी पत्रकारिता को आगे ले जाएगी । टेक्नोलॉजी स्वीकार किये बिना अखबार आगे नहीं बढ़ाया जा सकता । शीतला सिंह ने सच्ची पत्रकारिता की, हमें उनका अनुसरण करना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि आज पत्रकारिता को तकनीकी रूप से कोई खतरा नहीं है, बल्कि यह विधा पत्रकारिता के लिए हितकर है । बताया कि आज युवा पत्रकारों को सरकार को आका मानने की तालीम दी जा रही है । उनका कहना था कि पैसा विचार को बदल देता है । युवा पत्रकारों को दोष देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इनके सम्पादक इन्हें जिस सांचे में ढाल देते हैं, ये उसी में पड़े रहते हैं, कुछ नया कर दिखाने की कोशिश नहीं करते । ऐसे में सरकार की बात करना व लिखना ही आज की पत्रकारिता का उद्देश्य बन चुका है । आज कोई पत्रकार राजनीतिक नेताओं की कमियों को गिनाता है तो उसे पागल कहा जाता है ।
वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि प्रिंट मीडिया की ताकत अभी बची हुई है । पत्रकारिता को बुनियादी स्वरूप से जोडऩे के लिए अभियान चलाना होगा । उन्होंने कहा कि आज बड़े नेता भी इलेक्ट्रानिक मीडिया के बजाय प्रिंट मीडिया यानि अखबारों पर भरोसा अधिक कर रहे हैं । ऐसे नेताओं का नाम लेकर कहा कि इसीलिए वे अखबारों में कॉलम लिखने के लिए आतुर रहते हैं । नेताओं को अभी भी भरोसा है कि प्रिंट मीडिया में जो कुछ भी छपता है, वह गलत नहीं होता है । उन्होंने कहा कि अखबारों में पाठकों की संख्या तो कम हो सकती है लेकिन प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता अभी कायम है । विचार तो सदैव ही बड़ी तादाद में सामने आएंगे । श्री सिंह ने वरिष्ठ पत्रकारों से आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि वे पत्रकारिता के क्षेत्र में नये लोगों के साथ अपना अनुभव साझा करें ।
सूचनाओं की बाढ़ पर उनका कहना था कि इस बाढ़ में वही लोग प्रभावित होंगे, जिनका काम गलत सूचनाएं देना है । प्रिंट मीडिया अपने सच की ताकत के बल पर इन मुश्किलों के दौर से आगे निकलेगी ।
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बाढ़ का पानी जिस तरह से अच्छी चीजों को तहस-नहस कर डालता है, उसी तरह गलत सूचनाओं की बाढ़ भी समाज को खत्म कर देती है । एआई भी पत्रकारिता को प्रभावित कर रहा है, यह चिन्ता का विषय है । झूठी सूचनाओं की बाढ़ आ गयी है, जिससे दंगे और हत्याएं तक हो जा रही हैं । श्री त्रिपाठी ने कहा कि सूचनाओं में अगर तथ्य है तो वह सदैव ही लाभकारी होती है । सूचनाएं सदैव ज्ञान में वृद्धि करती हैं, इसलिए सूचनाओं का सकारात्मक प्रभाव लेकर आगे चलने में ही समझदारी है । एआई (आर्टिफीशिएल इंटेलिजेंस) पर अपनी बात रखते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि इस विधा से संचार माध्यमों को नियंत्रित किया जा रहा है । कहा, यदि आपकी स्वतंत्र इच्छा ही नहीं रही तो लोकतंत्र कहां से आएगा । एआई की कंट्रोलिंग पावर मनुष्य के लिए नुकसानदेह साबित होगी । श्री त्रिपाठी ने कहा कि एआई के होते हुए मीडिया की स्वायत्तता पर सदैव खतरा बना रहेगा । जार्ज आइबल ने जिस तानाशाही की कल्पना 1984 में की थी, वह एआई से आयी । पहले आयरन पैटर्न खड़ा किया जाता था, अब एआई के समय सिलिकॉन पैटर्न खड़ा किया जायेगा । उनका कहना था कि सूचना के इस युग में विवेक व ज्ञान हासिए पर न चले जाएं, इस पर ध्यान देना होगा ।
मीडिया स्वराज डॉट काम के संपादक अतिथि वक्ता रामदत्त त्रिपाठी ने कहा कि समाज में लोगों के पास सच को जानने का समय नहीं रह गया है । हर कोई सतही सूचनाओं के पीछे दौड़ रहा है। सत्य को छोड़ते हुए आज हम अपने अनुसार सत्य की व्याख्या कर रहे हैं । हम कैसा समाज बनाना चाहते हैं ? इसकी जानकारी होनी ही चाहिए। जब समाज स्वयं का झूठी सूचनाओं से रोकेगा तभी भ्रामक सूचनाओं पर रोक लगेगी । उन्होंने कहा कि आज व्यापार और व्यापारी वर्ग ने सब कुछ कंट्रोल कर रखा है । श्री त्रिपाठी ने कहा कि विज्ञापन सत्य को प्रभावित कर रहा है। बड़े कलाकार झूठ फैला कर लोगों का बे्रनवाश कर रहे हैं । हाईवे और सुपर हाईवे को सिर्फ इसलिए बनाया गया है ताकि दूसरे देशों से किसी खास कंपनी के नाम पर आने वाला सामान लोगों के घर-घर तक पहुंचे । आज अखबारों में विज्ञापन हावी है । सभी अपना-अपना माल बेच रहे हैं, बिजनेस व प्रॉफिट ही आज पत्रकारिता का मुख्य जरिया बन गया है । उन्होंने कहा कि आज अखबारों का संपादक कौन होगा ? यह सरकार और उद्योगपति तय करते है । ऐसे में सत्य कैसे सुरक्षित रहेगा ? उन्होंने यहाँ तक कहा कि अब तो टेलीविजन का एजेंडा पीएमओ तय करता है । डिबेट में कौन हिस्सा लेंगे? यह भी तय कर दिया जाता है । इसके लिए समाज को मंथन की जरूरत है। उनका यह भी कहना था कि आज के दौर में पुलिस से ज्यादा मीडिया बदनाम है । श्री त्रिपाठी ने यह भी कहा कि आज काशी, बनारस और प्रयाग जाने पर शान्ति मिलती है, लेकिन अयोध्या आने पर शान्ति नहीं मिलती । कुछ लोगों ने अयोध्या की शान्ति को छीन लिया है l
रायपुर छत्तीसगढ़ से पहुँचे दैनिक विश्व परिवार के संपादक प्रदीप जैन ने कहा कि वर्तमान युग में सूचनाओं की बाढ़ नहीं, सुनामी आई हुई है । यह सुनामी सच्ची खबरों को अपने साथ बहा ले जाना चाहती है । मीडिया को इस सुनामी में नकारात्मकता से बचना व सच का मीडिया बनाना होगा । उनका कहना था कि सच को स्थापित करने में मीडिया का बहुत बड़ा रोल है । दबाव और चुनौतियों के बीच पत्रकार व पत्रकारिता को अपना रास्ता ढूढना होगा । श्री जैन ने कहा कि तकनीक में बदलाव ने मीडिया को समाज में एक नये रूप में स्थापित किया है । उनका कहना था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के भरोसे तमाम मीडिया हाउस चल रहे हैं । ऐसे में प्रिंट मीडिया को अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए पाठकों तक पहुँचना होगा । उन्होंने जन्म मोर्चा के कीर्तिशेष संपादक श्री शीतला सिंह जी को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा
*मौत कितने रंग बदले,*
*ढ़ंग बदले, तर्ज बदले* ।
*जब तक जिंदा कलम है*,
*हम तुम्हें जिंदा रखेंगे* ।।
सभी वक्ताओं ने जनमोर्चा अखबार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । इसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करने के साथ ही जनमोर्चा के प्रधान सम्पादक रहे स्व. शीतला सिंह व महात्मा हरगोविन्द को शिद्दत से याद किया ।
इससे पूर्व जनमोर्चा की संपादक डा. सुमन गुप्ता व स्थानीय संपादक रामकुमार सिंह ने अतिथियों तथा विधायक रामचन्द्र यादव को स्मृति चिन्ह देकर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया । समारोह को वरिष्ठ पत्रकारों वीएन दास, जेपी तिवारी,भाकपा नेता सूर्यकांत पाण्डेय, त्रियुग नारायण तिवारी, इंदुभूषण पांडेय, डॉ. अनिल सिंह, एसएन बागी, छेदी सिंह, ओमप्रकाश सिंह, अनिल कुमार सिंह, सत्यभान जनवादी आदि ने भी संबोधित किया ।
जनमोर्चा का प्रकाशन करने वाली संस्था प्रकाशन सहकारी समिति के अध्यक्ष अतुल कुमार सिंह ने कार्यक्रम के अंत में अतिथियों के प्रति आभार जताया और सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।
इस मौके पर रुदौली विधायक रामचन्द्र यादव, सहकारी बैंक के अध्यक्ष धर्मेन्द्र प्रताप सिंह टिल्लू, विनय मनूचा, भाकपा नेता रामतीथ पाठक, भाजपा महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, उग्रसेन मिश्र, प्रेमकुमार पांडेय, पूर्व प्राचार्य आलोक खरे, डॉ. हरि प्रसाद दुबे, वरिष्ठ पत्रकार भीम यादव, डॉ. सुमति दुबे, संवारी देवी, ओम प्रकाश मिश्र, यमुना अवस्थी, रामनायक पांडेय  आदि मौजूद रहे ।
संगोष्ठी का संचालन दैनिक जनमोर्चा समाचार पत्र समूह की प्रधान संपादक सुश्री सुमन गुप्ता ने किया ।
*वरिष्ठ पत्रकार व पाँच संवाददाता सम्मानित*
 दैनिक जनमोर्चा के 67वें स्थापना दिवस समारोह में दैनिक जनमोर्चा से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार के साथ ही पांच संवाददाताओं को मुख्य अतिथियों ने शाल ओढ़़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । वरिष्ठ पत्रकार रमेश त्रिपाठी को संपादक राम दत्त त्रिपाठी, अंबेडकर नगर के कुलदीप सिंह को वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी, रुदौली के रवि प्रकाश गुप्त को संपादक प्रदीप जैन, खुटहन जौनपुर के बृजेश उपाध्याय को वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, बीकापुर के पत्रकार बृजेश तिवारी को विधायक रुदौली रामचंद्र यादव तथा दीप सहाय को वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान ने सम्मानित किया ।

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