Home रायपुर कपट करोगे तो निपट जाओगे:- पं. नितिन जैन

कपट करोगे तो निपट जाओगे:- पं. नितिन जैन

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रायपुर(विश्व परिवार)। पर्वाधिराज दषलक्षण महापर्व के पावन अवसर पर तीसरे दिन उत्तम षौच धर्म की आराधना की गई । श्री दिगम्बर जैन खंडेलवाल मंदिर जी, सन्मति नगर, फाफाडीह, रायपुर में प्रातःकाल भक्तों ने मंदिर जी में अभिशेक षांतिधारा से लेकर पर्व पूजाएं कर धर्मलाभ लिया।
भाद्र षुक्ल अश्टमी के दिन जैन धर्म के नवमें तीर्थंकर भगवान पुश्पदन्त जी को मोक्ष प्राप्त हुआ था । मंदिर समिति ने भगवान पुश्पदन्त जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया । सर्वप्रथम मूल वेदी में भगवान पुश्पदन्त जी को निर्वाण लाडू चढ़ाया गया । इसके बाद महाआरती की गई । मूल वेदी में षांतिधारा, निर्वाण लाडू चढ़ाने एवं महाआरती का सौभाग्य समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद-मोना, आयुश साक्षी, अनुज बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ ।
समिति के अध्यक्ष अरविंद बड़जात्या ने बताया कि चतुर्थ दिवस उत्तम षौच धर्म के अवसर पर प्रथम तल में भगवान पार्ष्वनाथ की वेदी पर षांतिधारा का सौभाग्य श्री अषोक कुमार प्रषान्त कुमार जी पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ । भगवान मुनिसुव्रतनाथ की वेदी पर षांतिधारा श्री गौरव कुणाल जैन द्वारा की गई ।
संध्या समय श्रीमती उशा लोहाड़िया एवं श्रीमती वर्शा सेठी के निर्देषन में श्रावक प्रतिक्रमण कराया जा रहा है ।
इसकी पूर्व संध्या उत्तम आर्जव धर्म के दिन, षास्त्र सभा में स्थानीय विद्वान पं. नितिन जैन ‘निमित्त’ ने बताया कि आर्जव धर्म का अर्थ है ऋजुता यानि सरलता । संक्लेषित परिणामों का त्याग कर अपने आप को नम्र बनाते हुए स्पश्टवादी बनना और अपने आचरण को सरल रखना सो उत्तम आर्जव है । आर्जव यानि छल कपट का त्याग करना । जो छली हो या कपट भावना से भरा हो उससे भी दूर रहना । अपने जीवन यापन के लिये भी कपटपूर्ण या मायाचारी से धन नहीं कमाना चाहिये । कपट से कमाया धन दस वर्शौं तक ही साथ रहता है । ग्यारहवें वर्श में वह धन समूल नश्ट हो जाता है ।
कपट करने से समाज में मान भी चला जाता है । लोग नीची दृश्टि से देखते हैं ।
कपट छुपाए ना छुपे, छिपे ना मोटा भाग ।
दाबी दूबी ना रहे, रूई लपेटी आग ।
बिना बुलाए बोलने की प्रवृत्ति न रहे, वाणी में मधुरता का समावेष हो, निष्चल व्यवहार हो वो भी भीतर बाहर एक जैसा तभी उत्तम आर्जव जीवन में प्रवेष करेगा । संत कहते हैं – कपट करोगे तो निपट जाओगे । इसलिये कपट की प्रवृत्ति से बचना चाहिये ।

 

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