Home धर्म अशुभ का सहयोग मिला तो दुसरे पर गुस्सा ना करें-अनुभव शास्त्री

अशुभ का सहयोग मिला तो दुसरे पर गुस्सा ना करें-अनुभव शास्त्री

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  • सांगानेर जयपुर के विव्दान दारा कराई जा रहा है अध्ययन
  • श्रमण संस्कृति शिविर में सभी विषयों को लिया गया है-विजय धुर्रा

अशोक नगर (विश्व परिवार)। जैन समाज द्वारा आयोजित श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए आज पंडित अनुभव शास्त्री ने कहा कि शुभ का सहयोग पुण्य के योग से मिलता है तव आपको खुशी मिलेगी और अशुभ का सहयोग पापा के उदय में होता है ये हमने समझ लिया फिर हम गुस्सा क्यों करते हैं गुस्सा करने ये कुछ भी हासिल नहीं होगा इस धारणा को मजबूत करने के लिए आपको अभ्यास करना होगाप्रत्येक व्यक्ति सुख की खोज में भटक रहा है कोई धन दौलत में सुख शांति को खोज रहा है धन वान सन साधनों में सुख खोज रहा है कोई अपने परायों में सुख खोज रहा है लेकिन उसे सुख मिल कहीं भी नहीं रहा असल में सुख की चाह रखने वालो की दिशा गलत है सुख साधन में नहीं साधना में है उसे कहीं ढूंढने की जरूरत नहीं है वह आपके अंदर ही है उसे प्रकट करने के लिए अपनी ओर वापिस आना होगा इसके पहले आज दीप प्रज्जवलन श्री प्रदुम्न भ इया जी मन्दिर संयोजक उमेश सिघई शिविर गोशाला कमेटी निर्मल मिर्ची महेश घमंडी द्वारा किया गया ।
श्रमण संस्कृति शिक्षण शिविर में सभी विषयों को लिया है–विजय धुर्रा
शिविर में जैन समाज के मंत्री विजय धुर्रा ने कहा कि शिविर में सभी विषयों को लिया गया है खास कर छोटे छोटे वच्चो को सुविधा की दृष्टि से मन्दिरो के निकट पाठशाला में शिविर की कक्षा कुछ इस तरह से लगाई जा रही है प्रातः काल आठ बजे से वजे तक सभी प्रमुख कक्षाओं का आयोजन सुभाष गंज मन्दिर में होगा एवं वालवोध भाग-1-2 सुबह नो बजे से दस बजे तक प्रतिदिन हो रही है
बही शाय काल सत्र में शाम को साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक तात्वार्थ सूत्र जी कक्षा शाम को साढ़े आठ बजे से साढ़े नो बजे तक श्री छहढाला जी विव्दत श्री अनुभव शास्त्री जी द्वारा इष्टपदेश जी कक्षा 7:30 से 8:30 बजे तक श्रद्धेय श्री प्रदुम्न बाबा जी ली जा रही हैद्वारारत्नकंरड श्रावकाचार जी शाम साढ़े आठ बजे से साढ़े नो बजे तक पंडित संयम शास्त्री जी द्वारा द्रव्य संग्रह जी की कक्षा सीमा दीदी द्वारा साम साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक अध्ययन कराया जा रहा है।
भक्तांबर जी के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है।
भक्तांबर जी की कक्षा शाम साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक पंडित कमलेश शास्त्री जी द्वारा ली जा रही श्री भक्तावर जी के प्रति लोगों का विशेष आकर्षण है लोग शुद्ध उच्चारण के साथ इस ग्रंथ की गहराई को भी समझना चहा रहे हैं ज्ञातव्य है कि नगर में भक्तांबर पाठ के साथ दीप आराधना मन्दिरो में हो रही है
बाल बोध भाग -१,भाग -२ सभी पाठशालाओं में बहनों द्वारा शाम साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक पढ़ाते हुए वच्चो को जीवन उपयोगी संस्कार दिए जा रहे हैं साथ ही नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है
दोपहर में ३:४५वजे से विशेष कक्षा विव्दान अनुभवजी शास्त्री जयपुर द्वारा ली जा रही है।

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