इंडो (विश्व परिवार)। जर्मन शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने के एक ऐतिहासिक कदम में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई ने जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिगेन के साथ एक मेमोरैंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रणनीतिक साझेदारी सह-शोध, शैक्षणिक आदान-प्रदान, और “सेंसर” विषय पर एक संयुक्त केंद्र की स्थापना के मार्ग प्रशस्त करती है, जिसे आईआईटी भिलाई में स्थापित किया जाएगा।
एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिगेन में आयोजित किया गया, जहाँ दोनों संस्थानों के गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जर्मनी में भारतीय दूतावास का प्रतिनिधित्व कर रहे डॉ. रामानुज बैनर्जी ने इस सहयोग को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में द्विपक्षीय संबंधों को गहन बनाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया।
इस एमओयू की एक प्रमुख विशेषता सेंसर प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान के लिए एक संयुक्त केंद्र की स्थापना है, जिसे आईआईटी भिलाई और यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिगेन के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त रूप से प्रबंधित और संचालित किया जाएगा। यह केंद्र स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट अवसंरचना, और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने वाला एक अत्याधुनिक हब होगा।
आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह साझेदारी छात्रों और शोधकर्ताओं को वैश्विक दृष्टिकोण, उन्नत अवसंरचना तथा तकनीकी विशेषज्ञता तक पहुँच प्रदान करेगी, जिससे नवाचार और उत्कृष्टता की संस्कृति को पोषण मिलेगा।”
इस सहयोग से अंतःविषय अनुसंधान में नए मुकाम हासिल होने और वैश्विक शैक्षणिक तथा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है।