रायपुर (विश्व परिवार)। बस्तर में सुरक्षा बलों और प्रशासन ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है। इस अभियान में पिछले 9 महीनों में 287 नक्सली मारे गए हैं। साथ ही, 865 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं और 830 को गिरफ्तार किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाए। इसके लिए सरकार विकास कार्यों पर भी ध्यान दे रही है, ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके।
बस्तर के जंगलों में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों से मुकाबला कर रहे हैं। पिछले 18 महीनों से फ़ोर्स लगातार ऑपरेशन चला रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा। इसके बाद से फ़ोर्स ने और तेजी से काम करना शुरू कर दिया।
सुरक्षाबलों ने 424 नक्सली किए ढेर
पिछले 18 महीनों में फोर्स ने 424 नक्सलियों को मार गिराया है। 1355 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं और सरकार के साथ आ गए हैं। सरकार इन नक्सलियों को रोजगार भी दे रही है। इनमें से कई युवा अब फोर्स में शामिल होकर नक्सलियों से लड़ रहे हैं। पुलिस ने 1430 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है, जो अभी जेल में हैं।
कंधा मिलाकर काम कर पुलिस-प्रशासन
पुलिस के साथ-साथ प्रशासन भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। डीजीपी अरुण देव गौतम का कहना है कि 31 मार्च 2026 के बाद बस्तर पूरी तरह से बदल जाएगा। यह बस्तर शांति, समृद्धि, संस्कृति और विकास का बस्तर होगा।
विकास पर भी है फोकस
सरकार अब विकास पर भी ध्यान दे रही है। जवान बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं और बीमार लोगों का इलाज भी कर रहे हैं। वे सडक़ बनाने में भी मदद कर रहे हैं। बस्तर में 330 किलोमीटर लंबी सडक़ें बनाई गई हैं। आजादी के बाद पहली बार कई गांवों में बिजली पहुंची है। एलमगुंडा, कुंडेड, छुटवाही, चिलकापल्ली, तिमेनार जैसे 25 से ज्यादा गांवों में पहली बार बिजली आई है। 20 साल बाद डुमरीपालनार, तोडक़ा जैसे 31 से ज्यादा गांवों में स्कूल खुले हैं। पहले इन गांवों में गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन अब स्कूलों की घंटी बजती है।
गांव में ही मिल रहा लोगों को राशन
कैंप खुलने से लोगों को गांव में ही राशन मिल रहा है। पहले उन्हें चावल लेने के लिए 10-15 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था। अब गांव के पास ही स्वास्थ्य केंद्र खुल गया है और मितानिन घर-घर जाकर दवा दे रही हैं। बस्तर धीरे-धीरे बदल रहा है और विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है।
बस्तर अब हाईटेक भी हो रहा
यहां लगातार इंटरनेट सेवा बढ़ रही है। घने जंगलों और पहाड़ों में मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। पिछले डेढ़ साल में टेकुलगुडेम, गुंजेपार्टी, पुटकेल, तिमेनार जैसे कई गांवों में 651 मोबाइल टावर लगाए गए हैं। यहां बिजली भी पहुंचाई जा रही है और लोगों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। गांवों में बैंक भी खोले जा रहे हैं।