जयपुर(विश्व परिवार)। इस युग के महान दिगम्बर जैन संत, संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर आचार्य श्री की ब्रह्मचर्य स्थली आगरा रोड स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी में भक्तिमय धार्मिक पूजा का आयोजन किया गया।
इस मौके पर जयपुर के सैकड़ों भक्तों ने कार्यक्रम में शिरकत की। श्री शांतिनाथ मंडल विधान के साथ आचार्य श्री की महापूजा का आयोजन किया गया। पुष्प लता छाबड़ा दिपेश – अलका , चिरायु लक्षिता , मनन छाबड़ा परिवार की ओर से इस कार्यक्रम का महाआयोजन किया गया। इस मौके पर आचार्य श्री को सैकड़ों भक्तों ने याद कर उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया।
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि श्री शांतिनाथ मंडल विधान एवं आचार्य श्री की महापूजा गुरुभक्त मनीष- रचना चौधरी द्वारा संगीत की स्वर लहरियों के साथ संपन्न करवाई।
श्री चौधरी ने बताया कि जैन धर्म में श्री शांतिनाथ मंडल विधान का अपना महत्व है, आचार्यश्री के पास जब भी कोई अपनी समस्या लेकर जाता था तो वो हमेशा शांतिनाथ मंडल विधान करने के लिए उस श्रावक को बोलते थे। आज हमारा सौभाग्य है कि हम आज ये विधान और उसकी प्रेरणा देने वाले आचार्यश्री की महापूजा एक साथ कर रहे हैं। सर्वप्रथम शांतिनाथ मंडल विधान में पुष्पलता दिपेश- अल्का, चिरायु- लक्षिता, मनन छाबड़ा परिवार ने मिलकर मंगलकलश की स्थापना और दीप प्रज्वलन कर पूजा आरंभ करवाई।
इस मौके पर समाजश्रेष्ठी
विवेक काला सुभाष चन्द जैन, प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा,मनीष बैद,
संजय पांडया, मनोज सोगानी, यशकमल अजमेरा, चेतन निमोडिया, कमल वैद,
कैलाश छाबड़ा,
अजय कटारिया, धीरज पाटनी, रवि प्रकाश जैन, विरेन्द्र गदिया, अनिल पाटनी सहित जयपुर जैन समाज के गणमान्य बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। सभी ने अपनी ओर से आचार्य श्री की महापूजा में जल से लेकर महाअर्घ चढ़ाने तक सहभागिता दर्ज कराई।
इससे पूर्व मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक के बाद विश्व में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए शांतिधारा की गई।
महाआरती के बाद समापन हुआ।