Home रायपुर INCON 25: आंजनेय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

INCON 25: आंजनेय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

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• ऐसे संवाद और सम्मेलन नई पीढ़ी के शोधकर्ताओं को प्रेरित करते हैं : चांसलर अभिषेक अग्रवाल
• आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में न्यूक्लियर मेडिसिन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है : डॉ. रेणु राजगुरु
• तकनीक के विकास में नियामक और सुरक्षा संबंधी मानकों का पालन करना अत्यंत आवश्यक : डॉ. दीपेन्द्र सिंह

रायपुर (विश्व परिवार)। आंजनेय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय 21 एवं 22 फरवरी 2025 को INCON 25 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है । इस सम्मेलन का मुख्य विषय “आणविक चिकित्सा के विकास में नियामक एवं सुरक्षा संबंधी विचार: नवाचार और अनुपालन के बीच संतुलन” रखा गया है । यह सम्मेलन परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद् (AERB), मुंबई द्वारा प्रायोजित है और इसमें आणविक चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत चर्चा दो दिनों में होगी । इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. रेणु राजगुरु मेडिकल सुपरिंटेंडेंट एम्स रायपुर ने कहा कि न्यूक्लियर मेडिसिन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और उभरता हुआ क्षेत्र है, जो जटिल रोगों के निदान और उपचार में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है । यह तकनीक रेडियोधर्मी आइसोटोप और उन्नत इमेजिंग विधियों का उपयोग करके कैंसर, हृदय रोग, न्यूरोलॉजिकल विकार और अन्य गंभीर बीमारियों का सटीक विश्लेषण एवं उपचार करने में मदद करती है । विशिष्ट अतिथि डॉ दीपेन्द्र सिंह शिक्षा विनियम समिति के अध्यक्ष और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया केंद्रीय परिषद के सदस्य, नई दिल्ली ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में न्यूक्लियर मेडिसिन का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके प्रभावी और सुरक्षित उपयोग के लिए नियामक एवं सुरक्षा मानकों का पालन आवश्यक है। रेडियोधर्मी पदार्थों का उपयोग वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किया जाना चाहिए, जिससे मरीजों को अधिकतम लाभ मिले और संभावित जोखिमों को कम किया जा सके । नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कर हम चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार और सुरक्षा के बीच संतुलन बना सकते हैं । चांसलर अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि न्यूक्लियर मेडिसिन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और विचार-विमर्श होना अत्यंत आवश्यक है । इससे न केवल वैज्ञानिक एवं चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलता है, बल्कि आम जनता और शोधकर्ताओं में भी जागरूकता बढ़ती है । उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे संवाद और सम्मेलन नई पीढ़ी के शोधकर्ताओं को प्रेरित करते हैं और उन्हें सुरक्षित व प्रभावी चिकित्सा तकनीकों के विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करते हैं । इस अवसर पर प्रो चांसलर श्रीमती दिव्या अग्रवाल, वाईस चांसलर डॉ. टी रामाराव, डायरेक्टर जनरल डॉ. बी सी जैन, प्रो वाईस चांसलर डॉ. सुमित श्रीवास्तव, डॉ. हरीश शर्मा सभी डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित रहे ।
प्रमुख वक्ताओं में –
सम्मेलन में विश्वविख्यात वैज्ञानिक, शोधकर्ता एवं औद्योगिक विशेषज्ञ विभिन्न तकनीकी सत्रों में अपनी बात रखेंगे । प्रमुख वक्ताओं में डॉ. शशांक कुमार सिंह (CSIR, जम्मू), लॉर ऑकाइग्ने (फ्रांस), डॉ. संतोष कुमार वर्मा (यूलिया विश्वविद्यालय, चीन), डॉ. धीरेंद्र सिंह क्षत्री (SSIPMT, रायपुर), डॉ. मुदालशा रविना (AIIMS, रायपुर), डॉ. मनोज कुमार झा (श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय, कोरबा), डॉ. मुक्ताा मल्होत्रा (भगत माता कर्मा गवर्नमेंट कॉलेज), डॉ. माधव बी मल्लिया (BARC, मुंबई), डॉ. शिल्पी गुप्ता (ICFAI विश्वविद्यालय), डॉ. विजयलक्ष्मी बिरादार (कालिंगा विश्वविद्यालय), डॉ. प्राची निमजे (SSPU भिलाई)
पांच श्रेणियों में बाँटें गए पुरस्कार –
1. पायनियर साइंटिस्ट अवार्ड – डॉ लुम्बिनी पथिवाडा,
2. जूनियर साइंटिस्ट अवार्ड – श्रीमती दीपशिखा वर्मा, श्री दिव्यांश साहू, सुश्री कृति नौरंगे,
3. इंडस्ट्री एक्सीलेंस अवार्ड – के वी क्लिनिकल research प्राइवेट लिमिटेड,
4. अकादमिक एक्सीलेंस अवार्ड – डॉ. तिलोत्मा साहू,
5. यंग साइंटिस्ट अवार्ड – सुश्री एकता देवांगन को दिया गया

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