नई दिल्ली (विश्व परिवार)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत आपदा प्रबंधन में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में तेजी से अग्रसर हो रहा है। उन्होंने यह बात आज सोमवार को आयोजित राहत आयुक्तों और आपदा प्रतिक्रिया बलों के सम्मेलन में कही। शाह ने बताया कि पिछले दस वर्षों में भारत ने गति, क्षमता, दक्षता और सटीकता के साथ आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि “आपदा के समय सबसे आवश्यक तेज प्रतिक्रिया है। पिछले एक दशक में हमने समय पर कार्रवाई, जान बचाने, आधुनिक तकनीक के उपयोग, कुशल प्रशिक्षण और मजबूत पूर्व चेतावनी प्रणाली की दिशा में बड़े सुधार किए हैं।”
गृहमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की सराहना करते हुए कहा कि देशभर में इसे बहुत सम्मान मिला है और इसने राज्य आपदा राहत बल (SDRF) के कर्मियों को प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), NDRF और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आपदा-लचीले बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) ने भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को वैश्विक मानकों तक पहुंचाया है। अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत ने अब पारंपरिक राहत आधारित प्रणाली से आगे बढ़कर “जीरो कैजुअल्टी अप्रोच” अपनाई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। उन्होंने कहा, “10 साल पहले आपदा प्रबंधन का मतलब था आपदा के बाद राहत पहुंचाना, लेकिन अब हमने इसे पहले से तैयारी करने और जान बचाने की दिशा में परिवर्तित कर दिया है।”
वहीं शाह ने शोध और अनुसंधान को भी जरूरी बताया जिससे पूर्व चेतावनी प्रणाली को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और आम नागरिकों के सहयोग से एकीकृत प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने युवाओं की भागीदारी की बात करते हुए कहा कि भविष्य में हर भारतीय युवा को आपदा के समय सहयोग देने में सक्षम बनाना चाहिए। गृहमंत्री ने सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन में दिए जा रहे वित्तीय सहयोग की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के लिए बजट 2004 से 2014 के बीच जहां 28,000 करोड़ रुपये था, वहीं 2014 से 2024 के बीच यह बढ़कर 84,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह राज्य आपदा राहत बल (SDRF) के लिए बजट 38,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। शाह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए CDRI की भी सराहना की, जो अब 49 सदस्यीय वैश्विक साझेदारी बन चुकी है। इसमें कई देश, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां, बहुपक्षीय बैंक, निजी कंपनियां और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं, जो जलवायु और आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के समाधान विकसित कर रहे हैं।