नई दिल्ली (विश्व परिवार)। इंडियन नेवी (indian navy) या कहें कि भारत को आज 3 नये ब्रह्मास्त्र मिलने जा रहे हैं। भारतीय नौसेना की ताकत को पंख लगाने वाले तीन महाबली आईएनएस सूरत (INS Surat), आईएनएस नीलगिरि (INS Nilgiri) और आईएनएस वाघशीर (INS vagsheer) भारत की नौसेना बेड़े में शामिल होगा। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज (15 जनवरी) मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन महत्वपूर्ण युद्धपोतों को देश को समर्पित करेंगे। ये तीनों युद्धपोत भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
ये पहली बार है कि एक या दो नहीं बल्कि तीन युद्धपोतों को एक साथ बेड़े में शामिल किया जाएगा। यह पनडुब्बी भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए तैयार की गई है और इसे जल्द ही हिंद महासागर में तैनात किया जाएगा।
तीनों युद्धपोत को देश को समर्पित करने से पहले पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर इनका वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि- 15 जनवरी का दिन हमारी नौसेना की क्षमताओं के लिहाज से खास होने वाला है। तीन अग्रणी नौसैनिकों के शामिल होने से रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारी कोशिशों को बल मिलेगा।
इन युद्धपोतों का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से किया गया है। एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस ये तीन समंदर के सिकंदर जैसे ही सेना के बेड़े में शामिल होंगे, वैसे ही चीन से लेकर पाकिस्तान तक की टेंशन बढ़ जाएगी। इन युद्धपोतों का समर्पण भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत को बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है। बंगाल की खाड़ी से लेकर हिंद महासागर हो या अरब सागर.. हर हर जगह सिर्फ भारत का ही डंका बजेगा। तो चलिए इसकी खूबी पर एक नजर डालते हैंः-
आईएनएस सूरत (INS Surat)
आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाया गया चौथा और आखिरी स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। 7 नवंबर 2019 को इसकी नींव रखी गई और 17 मई 2022 को इसे लॉन्च किया गया था। इस युद्धपोत में उन्नत रडार सिस्टम और स्टेल्थ फीचर्स हैं जो इसे दुश्मन से छिपकर हमला करने की क्षमता देते हैं। ये 7,400 टन के डिस्प्लेसमेंट के साथ 164 मीटर लंबा है और इसमें समुद्र के अंदर मिसाइलों से लेकर टॉरपीडो तक सभी प्रकार के हथियार लगे हैं। इसके ‘कंबाइंड गैस एंड गैस’ (COGAG) प्रोपल्शन सिस्टम से ये पोत 30 नॉट्स (56 किमी/घंटा) की गति से दौड़ सकता है।
आईएनएस नीलगिरि (INS Nilgiri)
यह प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाया गया स्टेल्थ फ्रिगेट है, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। साल 1996 में रिटायर किए गए पुराने INS नीलगिरि का ये नया वर्जन अब समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। इसे 28 दिसंबर 2017 को स्थापित किया गया था और 28 सितंबर 2019 को ये लॉन्च किया गया था। ये 6,670 टन का है और 149 मीटर लंबा हैष आईएनएस नीलगिरि का डिजाइन रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए विशेष रूप से किया गया है, जिससे ये दुश्मन की निगाहों से बच सकता है। ये शिप सुपरसोनिक सतह-से-सतह और मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइलों से तैयार किया गया है, जिससे ये समुद्र में स्थित अलग-अलग खतरों से निपटने में सक्षम होगा। यह युद्धपोत न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि समुद्री क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए बड़ी चुनौती भी साबित होगा।
आईएनएस वाघशीर (INS vagsheer)
आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित छठी और आखिर डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। ये विशेष रूप से गुप्त संचालन के लिए डिजाइन की गई है ताकि ये दुश्मन के इलाकों में बिना किसी शोर के अपने मिशन को अंजाम दे सके। ये 67 मीटर लंबी और 1,550 टन वजनी पनडुब्बी वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और उन्नत सोनार सिस्टम से लैस है। फ्यूचर में इसमें एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक को जोड़ने की संभावना है जो इसकी क्षमता को और भी बढ़ाएगी।
चीन-पाक की बढ़ेगी टेंशन
चीन की नेवी के पास करीब 370 से ज्यादा वारशिप और सबमरीन हैं। इसलिए भारत तेज रफ्तार से समंदर के अंदर से चीन को काउंटर करने के लिए तैयार है। इसके लिए भारत ने स्वदेशी एलक्ट्रिक और डीजल से चलने वाली विध्वंसक पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर को उतारेगा। आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बियां और हथियार प्रणाली विकसित कर भारत ने समुद्री क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत किया है। चीन जहां हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक गतिविधियों को बढ़ा रहा है, वहीं भारत की तेजी से बढ़ती शक्ति उसे पीछे धकेलने में सक्षम है। इसके अलावा, पाकिस्तान की नौसेना क्षमता भारत के इन महाबलियों के आगे बिल्कुल भी नहीं टिक पाएगी।