Home देश-विदेश ISRO ने सफलतापूर्वक पूरा किया गगनयान का लॉन्चिंग टेस्ट

ISRO ने सफलतापूर्वक पूरा किया गगनयान का लॉन्चिंग टेस्ट

90
0

श्रीहरिकोटा (विश्व परिवार)। आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने फिर इतिहास रच दिया। शनिवार सुबह 10 बजे इसरो ने गगनयान मिशन के क्रू मॉडल को सफलतापूर्वक लॉन्च कर लिया है। इसरो को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। पहले इसे शनिवार सुबह करीब 8:30 बजे इसके प्रक्षेपण की कोशिश की गई थी लेकिन तकनीकी करणों के कारण इसे टालना पड़ गया । इस बारे में इसरो चीफ सोमनाथ ने ट्विट करके बताया लेकिन इसके बाद 10 बजे के करीब फिर प्रयास किया गया और इसबार इसरो को सफलता मिली। बता दें कि गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) को आज शनिवार आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इस व्हीकल ने 17 किमी की उंचाई से क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को छोड़ दिया। फिर पैराशूट के जरिए सफलतापूर्वक क्रू मॉड्यूल सिस्टम को समंदर में उतारा गया।

इसरो चीफ ने मिशन की सफलता का किया ऐलान

इसरो चीफ ने मिशन की सफलता का ऐलान किया उन्होंने कहा कि क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की गई। मौसम खराबी के बाद लिफ्ट प्रॉसेस में कंप्यूटर ने इंजन में आई खराबी को इंगित किया और इसरो की टीम ने तत्काल उसे दुरुस्त किया और हमने इसे सफलता पूर्वक पूरा किया।

17 किमी की उंचाई से क्रू मॉड्यूल को समंदर में उतारा

इसरो ने बताया कि क्रू मॉड्यूल का द्रव्यमान 4,520 किलोग्राम है और यह एकल दीवार वाली बिना दबाव वाली एल्यूमीनियम संरचना है। उड़ान के लगभग 61 सेकंड में और 11.9 किमी की ऊंचाई पर, परीक्षण वाहन/रॉकेट और चालक दल की भागने की प्रणाली अलग हो गई। उड़ान भरने के 91 सेकंड बाद और 16.9 किमी की ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो गया और इसे पैराशूट के जरिए समंदर में उतार दिया गया।

टेस्ट के आधार पर शुरू होगा गगनयान कार्यक्रम

इसरो ने एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे कदम बढ़ाया। इसरो का लक्ष्य तीन दिनों के गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और फिर उसे पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here