झाँसी (विश्व परिवार)। महानगर में विराजमान जैन आचार्य भगवन संत शिरोमणी 108 श्री विद्यासागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका 105 श्रीअकम्पमति माता जी एवं श्री अचलमती माताजी ससंघ” ने जैन मुनि सेवा संघ झाँसी एवं भक्तों के आग्रह पर झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक दुर्ग (किला) का भ्रमण करते हुए अवलोकन किया ।
उन्होंने किले के अंदर स्थित फांसी गृह, शंकरगढ़, कारागृह, कुदान स्थल, ध्वजस्थल, कड़क बिजलीं तोप, बारादरी क्षेत्र, का विशेष रूप से निरीक्षण किया । किले के अंदर दिये अपने संक्षिप्त प्रवचनों में उन्होंने कहा कि हमें रानी लक्ष्मीबाई से सीख लेनी चाहिए कि चाहे प्राण भले ही चले जाएँ परन्तु अपने देश, धर्म एवं समाज पर आँच नहीं आने देना चाहिए ।
इस दौरान स्वाध्याय पाठ्यक्रम संयोजक सिंघई नवीन बाबू जैन, मुनि सेवा संघ संयोजक श्री अशोक कुमार जी नगरा, श्री पी के जैन नगरा, श्री रवि जैन बिजौली, श्री सुनील जी गुदरी, श्री सगुन जी करगुवां, श्री प्रवीण जी दीनदयालनगर, श्री अमित जी राजू दीनदयालनगर, श्री दीपक जी CA, श्रीमती महिमा, श्रीमती अंजू, श्रीमती प्रतिभा, श्रीमती एकता, श्रीमती ममता, श्रीमती सविता, श्रीमती विनीता, श्रीमती किरण, श्रीमती गुड्डी आदि उपस्थित रहे ।