जयपुर(विश्व परिवार)। जैन धर्म के सर्वोच्च शाश्वत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी की तीर्थ वन्दना 28 नवंबर से 6 दिसंबर तक की थी ।
शाश्वत तीर्थ पर तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली पर स्थित टोकों के दर्शन, वंदना, पूजा, आरती करते समय काफी कठिनाई व भय का सामना करना पडा, वहां पाया गया कि प्रत्येक टोंक पर बंदरों का भयंकर आतंक होने से तीर्थ यात्री जो दूर दूर से आते हैं, उत्साह से आते हैं , पहाड़ की कठिन चढ़ाई करके आते हैं वहां वंदना करने में प्रत्येक टोंक पर बंदरों का आतंक होने के कारण, परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा यात्री बंदरों के भय से
भयवीत थे, दर्शन ,पूजा,पाठ, आरती करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस प्रकार बंदरों के आतंक को समाप्त करने के लिए जैन पत्रकार महासंघ तीर्थ क्षेत्र कमेटी , मधुबन में स्थित समस्त मंदिरों के पदाधिकारी, कोठियों के पदाधिकाऱियों एवं विभिन्न संस्थाओं से अनुरोध करता है कि बंदरों का आतंक को शीघ्र अति शीघ्र रोकने की व्यवस्था की जाए ताकि शाश्वत तीर्थ पर दूर-दूर से आने वाले यात्री अपनी वंदना भक्ति भाव से, बिना भय के कर सकें ।
जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन ने इस संबंध में झारखंड प्रांत के मुख्यमंत्री एवं झारखंड प्रशासन को भी निवेदन किया है कि जैन धर्म के हृदय स्थल शाश्वत क्षेत्र पर बंदरों के आतंक को तुरंत समाप्त किया जाए, तीर्थ यात्रियों को पहाड़ पर संरक्षण प्रदान किया जाय।