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कुंडलपुर जी – जिला दमोह(म. प्र) के अतिशय कारी बड़े बाबा के दरबार से चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़)तक कर रहे हैं अजय जैन भोपाल एवं संभव जैन बेगमगंज पदयात्रा

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डोंगरगढ़ (विश्व परिवार)। पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस के उपलक्ष में पूज्य गुरुदेव के चरण चिन्ह की वंदना करने की भावना लेकर, अजय जैन -भोपाल एवम श्री संभव जैन -बेगमगंज 10 जनवरी से पैदल पदयात्रा कर रहे हैं! दिनांक 24/1/25/ को पदयात्रा का 15 वा दिन श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर लामता-जिला (बालाघाट) पहुंच चुके है। उनकी यह पदयात्रा चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ ( छत्तीशगढ़ )स्थित समाधि स्थल पहुँचेगी।
भीषण सर्दी एवम शीतलहर की इन्होंने परवाह नहीं की। इनको उसका एहसास भी नहीं हुआ । बस मन में एक ही आस लिये की वहां मौजूद गुरु चरणों का एवं गुरुदेव के चरण चिन्ह की वंदना हो। अपने आप में इन दोनों युवाओं की शक्ति आज की युवा शक्ति को धर्म की ओर प्रेरित करती है। उनकी यह यात्रा अभी लगभग 10 दिन और चलेगी और लगभग 200 किलोमीटर पैदल चलना अभी शेष है। आपको बता दें कि अजय जैन बाग़ उमराव दुलाह – भोपाल पहले भी तीन बार एकल पैदल पदयात्रा कर चुके हैं जिसमें 2021 में इन्होंने जबलपुर तिलवारा घाट तक पैदल पदयात्रा कर गुरु आचार्य श्री विद्या सागर जी का आशीर्वाद प्राप्त किया उसके बाद 2022 में शिरपुर महाराष्ट्र तक पैदल पदयात्रा की 2023 में भी डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ की पैदल पदयात्रा की। और 2025 में प्रथम बार संभव जैन अजय जैन के साथ पदयात्रा कर रहे हैं।हाथों में जैन धर्म ध्वजा पताका लिए हुए एवं आचार्य श्री पूज्य बड़े बाबा का चित्र फोटो लेकर यह युवक अनवरत बढ़ रहे हैं। इनकी श्रद्धा भक्ति सभी को आश्चर्य चकित कर देती है कि आज के दौर में ऐसे भक्त ऐसे युवा है जो इतना कठोर कदम उठा रहे हैं। हम लोग तो थोड़ा सा जाना हो तो साधन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह युवा तो कितना किलोमीटर चल रहे हैं पैदल अपने आप में कीर्तिमान है। इन दोनों का समर्पण उसे सूक्ति को सार्थक रूप देता है कि भक्ति में शक्ति और शक्ति से मिलती है युक्ति इसका प्रमाण इन दोनों युवकों में देखने को मिलता है। निश्चित रूप से इनकी अनुमोदना की जानी चाहिए और सराहना की जानी चाहिए।

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