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राजनांदगांव जिले के ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई और रिजल्ट प्रभावित

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  • शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की है जरूरत

रायपुर (विश्व परिवार)। राजनांदगांव जिले के ग्रामीण अंचल के शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं, जिससे परीक्षा परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, घोटिया (विकासखंड डोंगरगढ़) में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लिए कुल 103 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या है, परंतु स्वीकृत 11 पदों के विरुद्ध मात्र 03 व्याख्याता कार्यरत हैं एवं 08 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की इस गंभीर कमी के कारण वर्ष 2024-25 में कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम 27.27 प्रतिशत तथा कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 66.66 प्रतिशत रहा, जो कि चिंताजनक है।
दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थ हैं। ठाकुर प्यारेलाल शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, राजनांदगांव में 84 विद्यार्थियों की तुलना में 10 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि दर्ज संख्या के अनुसार केवल 04 शिक्षकों की आवश्यकता है। यह स्थिति शिक्षकों के असंतुलित पदस्थापना के कारण है। जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने तथा सीमित संसाधनों के समुचित उपयोग की दिशा में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाना नितांत आवश्यक है। इससे सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा शैक्षणिक गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार आएगा।

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