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अंतरंग के प्रकाश से ही मुक्ति संभव – मुनि समत्व सागर

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-जयकारों के बीच हुआ तारों की कूट पर सूर्य नगर के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश-शुक्रवार को प्रातः 8.30 बजे होगी धर्म सभा – रविवार 15 दिसम्बर को होगा श्री भक्तामर विधान का विशाल आयोजन

जयपुर (विश्व परिवार)। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के परम शिष्य युवा श्रुत संवाहक, विधा जैनिज्म वन्डर फुल के प्रवर्तक, युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत मुनि समत्व सागर महाराज, मुनि शील सागर महाराज ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश जयकारों के बीच गुरुवार 12 दिसम्बर को तारों की कूट पर सूर्य नगर स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुआ । इस मौके पर बड़ी संख्या में जैन बन्धु शामिल हुए ।

अध्यक्ष नवीन जैन एवं मंत्री धनेश सेठी ने बताया कि मुनि संघ गुरुवार प्रातः 8 बजे एस एफ एस दिगम्बर जैन मंदिर से रवाना होकर बी 2 बाई पास पर मेट्रो एनक्लेव पहुचा जहां से बैण्ड बाजों के साथ विशाल जुलूस के रूप में मंदिर के लिए रवाना हुआ। मैन बाजार से होते हुए मंदिर जी में भव्य मंगल प्रवेश हुआ । इस मौके पर मंदिर कमेटी के नेतृत्व में समाज बन्धुओं द्वारा पाद पक्षालन एवं मंगल आरती कर भव्य अगवानी की गई । मार्ग में स्थानीय पार्षद एवं जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर डाॅ सौम्या गुर्जर ने भी मुनि संघ की मंगल आरती कर भव्य अगवानी की। मंगल प्रवेश जुलूस में पुरुष सफेद कुर्ता पायजामा एवं महिलाएँ लाल चूंदड़ी घाट की साड़ी पहनकर सिर पर मंगल कलश लेकर शामिल हुई।
समाज के विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि मंदिर दर्शन के बाद पानी की टंकी वाले पार्क में धर्म सभा का आयोजन किया गया।
इस मौके पर मुनि समत्व सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि जो स्वयं में प्रकाशित ना हो वह कभी बाहर प्रकाश नही फैला सकता है। हमारा यश, कीर्ति बाहर की ओर तभी फैलेगी जब अंतरंग में प्रकाश प्रज्वलित हो जाए। सूर्य भी बादल की ओट आ जाने के कारण पूरे जगत को एक साथ प्रकाशित नहीं कर सकता है। अरिहंत केवली भगवान रुपी प्रभू के ज्ञान से ही प्रकाशित होता है। उन्होंने कहा कि सूर्य के प्रकाश में तारें भी छिप जाते हैं। अंतरंग के प्रकाश से ही मुक्ति संभव है। अतः बाहर की बजाय अंतरंग में प्रकाश की चाह होनी चाहिए। इससे पूर्व मुनि शील सागर महाराज ने विशुद्ध सागर पथ पर चलकर शील संयम व्रत पालो….मंगलाचरण के माध्यम से धर्म सभा का शुभारंभ किया।
इस मौके पर संरक्षक नाभिराय सोगानी, अध्यक्ष नवीन जैन, मंत्री धनेश सेठी, विनोद जैन कोटखावदा, तारा चन्द चांदवाड, सुरेश बाकलीवाल, बाबू लाल सोगानी, धनराज जैन के नेतृत्व में पुरुष वर्ग ने मुनि द्वय का पाद पक्षालन किया। महिला मण्डल की अध्यक्ष सुधा जैन, मंत्री अल्का लोंग्या के नेतृत्व में शास्त्र भेंट किया गया।। इस मौके पर राजस्थान जैन सभा जयपुर के महामंत्री मनीष बैद, राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के जिला महामंत्री सुभाष बज, कीर्ति नगर से जगदीश जैन, एस एफ एस से सोभाग मल जैन, मुहाना मण्डी से पवन गोदिका,चित्रकूट कालोनी से ओम प्रकाश कटारिया, नेवटा से नरेन्द्र बैनाडा सहित कीर्तिनगर की युवा टीम व अन्य कालोनियों से आये हुए श्रद्धालुओं ने श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। धर्म सभा का मंच संचालन विनोद जैन कोटखावदा ने किया।
दोपहर में 3.00 बजे मंदिर प्रांगण में वृहद द्रव्य संग्रह पर प्रवचन, शास्त्र चर्चा हुई । सायंकाल 6 बजे आरती, आचार्य भक्ति, शंका समाधान के आयोजन किये गये।
अध्यक्ष नवीन जैन एवं मंत्री धनेश सेठी ने बताया कि शुक्रवार 13 दिसम्बर को प्रातः 8.30 बजे पानी वाली टंकी के पार्क में धर्म सभा होगी जिसमें मुनि द्वय के मंगल प्रवचन होगें ।दोपहर में 3.00 बजे मंदिर प्रांगण में वृहद द्रव्य संग्रह पर प्रवचन, शास्त्र चर्चा होगी। सायंकाल 6 बजे आरती, आचार्य भक्ति, शंका समाधान के आयोजन होगें।
रविवार 15 दिसम्बर को
प्रातः 8.30 बजे मुनि द्वय का नियमित प्रवचन, प्रातः 11.00 बजे से पं. धर्म चन्द शास्री अष्टापद के निर्देशन में संगीतमय
श्री भक्तामर विधान किया जाएगा। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज, मुनि समत्व सागर, मुनि शील सागर महाराज की पूजा तथा प्रवचन होगें ।दोपहर 2.00 बजे से आगामी 19 जनवरी, 2025 से 24 जनवरी, 2025 तक होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के विशिष्ट पात्रों का बोली के माध्यम से चयन किया जाएगा
सायंकाल 4.30 बजे वात्सल्य सहभोज होगा।
समाज के विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि मुनि श्री का 12 दिसम्बर से 16 दिसंबर तक सूर्य नगर में ही प्रवास रहेगा।

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