Home हैदराबाद जिन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी, फर्क तो रंगो का है..

जिन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी, फर्क तो रंगो का है..

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मनचाहे रंगो से बने तो तस्वीर है..
और अनचाहे रंगो से बने तो तकदीर है..!

हैदराबाद(विश्व परिवार)। स्वयं का मूल्य समझना और स्वयं को अपने संकल्प और समर्पण के प्रति इमानदार बनना ही मानवीय जीवन का सार है। अक्सर हमारे दैनिक जीवन में किसी चीज को जल्दी पाना और कम समय में अच्छा परिणाम पाना हमारी आदत सी बन गई है।
यदि काम सफल हो गया तो गुरू और प्रभु सच्चे हैं,, अन्यथा —-?? यदि आप बसन्त ऋतु में बीज ना डालें और पौधा लगाना भूल जायें या गर्मियों में आलस्य करें और शरद ऋतु में फसल उगाने की सोचें-? यह ऐसी समस्या है जिसका कोई समाधान नहीं है। यदि हमें फसल उगाना है, तो प्रकृति के नियमों का पालन और समय का इन्तजार तो करना ही पड़ेगा। इसी प्रकार मानव जीवन में कुछ नियम, कुछ संकल्प और कुछ पाने के लिए समय, समर्पण, सहनशील बनना ही पड़ेगा।
मानवीय जीवन के कर्तव्यों का बखूबी से निर्वाहन करें, आपसी रिश्तों को निस्वार्थ भाव से निभायें, अपने स्वाभिमान को बरकरार रखें, अपनी बुरी आदतों का हवन करें, नित्य एक सद्गुण का बीजा रोपण करें, स्वयं अनुशासन का पालन करें, वाणी के अपलाप से बचें, संकल्पों के प्रति निष्ठावान बनें, आत्म विश्वास को वर्धमान करें, दूसरों की भावनाओं और आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करें, धर्म, सेवा, परोपकार, दान के प्रति उदार बनें, दूसरों से अपनी तुलना ना करें,, यही हमारे मानवीय जीवन के कर्तव्यों के प्रति सच्ची निष्ठा और आत्मविश्वास की परीक्षा होगी।
स्वयं का मूल्य समझना और स्वयं के संकल्पों के प्रति अटल रहना ही मानव जीवन का सार है…!!!।

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