- भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ हुआ महास्त्रान
नई दिल्ली (विश्व परिवार)। 11 जून को स्नान पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ श्री मंदिर में भक्तों के सामने स्रान करते हैं। उड़ीसा की पुरी में पूरे साल में सिर्फ इसी दिन भगवान जगन्नाथ को मंदिर में ही बने सोने के कुंए के पानी से नहलाया जाता है, इसलिए इसे स्नान पूर्णिमा कहते हैं। स्नान के लिए सोने के 108 बड़ों में पानी भरा जाता है, उनमें कस्तूरी, केसर, चंदन और कई तरह की औषधियां मिलाई जाती हैं। स्नान मंडप में तीन बडी चौकियों पर भगवानों को विराजित किया जाता है। भगवान पर कई तरह के सूती कपड़े लपेटते हैं, ताकि उनकी काष्ठ काया पानी से बची रहे। फिर भगवान जगन्नाथ को 35, बलभद्र जी को 33, सुभद्राजी को 22 घड़ों के पानी से नहलाया जाता है। इस महा-स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं।