जतारा (विश्व परिवार)। परम पूज्य, श्रमणाचार्य, भावलिंगी संत 108 श्री विमर्श सागर जी महा मुनिराज की जन्म नगरी श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र आदिश्वर धाम जतारा में, वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महा महोत्सव पूर्ण भव्यता से संपन्न हुआ।
भारतीय जैन संगठन तहसील अध्यक्ष एवं जतारा जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने बताया कि भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याण महोत्सव पर प्रातः काल की वेला में जिन मंदिर जी प्रांगण में श्री जी का अभिषेक शांति धारा उपरांत भगवान महावीर स्वामी के मूल सिद्धांत अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह (अतिरिक्त संग्रह न करना) जो जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत कहलाते हैं, को याद करते हुए सामूहिक रूप से भगवान महावीर की पूजन संपन्न की गई । दोपहर 1:00 बजे से महावीर जन्म कल्याण महोत्सव की भव्य शोभायात्रा निकाली गई । शोभायात्रा में डीजे, ढोल, बैंड, घोड़े एवं संपूर्ण जन समुदाय के साथ श्री जी को रथ में विराजमान करके नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए शोभा यात्रा पांडुक शिला स्थल पहुंची, जहां पर विविध कार्यक्रम संपन्न किए गए । संपूर्ण नगर में जैन धर्मावलंबियों ने आकर्षक रंगोलियां बनाई, अपने अपने घर के सामने भगवान महावीर की आरती उतारी गई ।
संगठन अध्यक्ष ने बताया कि भगवान महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें (24वें) तीर्थंकर है। भगवान महावीर का जन्म वैशाली गणराज्य के क्षत्रिय राज परिवार में चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को हुआ था आपके पिता राजा सिद्धार्थ एवं माता महारानी त्रिशला थी। तीस वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और संन्यास धारण कर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गये। 12 वर्षो की कठिन तपस्या के बाद उन्हें केवल्यज्ञान की प्राप्ति हुई, जिसके पश्चात् उन्होंने समवशरण में ज्ञान प्रसारित किया (धर्म उपदेश दिया) (केवल्यज्ञान के पूर्व कोई भी तीर्थंकर उपदेश नहीं देते हैं )
72 वर्ष की आयु में उन्हें पावापुरी से मोक्ष की प्राप्ति हुई।
जैन समाज द्वारा महावीर स्वामी के जन्म दिवस को महावीर-जन्म कल्याणक एवं उनके मोक्ष दिवस को दीपावली के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है। भव्य शोभा यात्रा में जैन समाज अध्यक्ष महेंद्र जैन टानगा, प्रकाश रोशन, पवन मोदी, सुधीर बंसल, पवन दीवान, राजू सिंघई, रचित भोपाली, प्रदीप मेडिकल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।