रायगढ़(विश्व परिवार)। स्वर्गीय श्री लखीराम अग्रवाल मेमोरियल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, रायगढ़ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने 29 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024 तक IAPSMCON’24 के एमपी-सीजी चैप्टर के 10वें जोनल सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया।व्यावसायिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक हेल्थ अप्रोच: रोकथाम से सुरक्षा तक थीम पर आधारित इस सम्मेलन में विशेषज्ञों और प्रैक्टिशनर्स की एक प्रतिष्ठित सभा देखी गई। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण एआईआईएमएस रायपुर के कार्यकारी निदेशक और औद्योगिक स्वास्थ्य में डिप्लोमा धारक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त) द्वारा दिया गया मुख्य भाषण था। लेफ्टिनेंट जनरल जिंदल ने व्यावसायिक स्वास्थ्य के उभरते क्षेत्र और आधुनिक कार्यस्थलों की सुरक्षा में सामाजिक सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने गहन दृष्टिकोण साझा किए। अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल जिंदल ने भारत के सामाजिक सुरक्षा उपायों, जैसे कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020, के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि ये पहल एक मजबूत सुरक्षा जाल प्रदान करती हैं, जो चिकित्सा देखभाल, मातृत्व समर्थन और व्यावसायिक चुनौतियों का सामना कर रहे श्रमिकों के पुनर्वास जैसे आवश्यक लाभ उपलब्ध कराती हैं। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि असंगठित क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा के लिए अभी भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।
अपने भाषण में उन्होंने भारत के व्यावसायिक स्वास्थ्य के उल्लेखनीय मील के पत्थरों पर भी चर्चा की, जिसमें 1948 के ऐतिहासिक फैक्ट्रीज एक्ट से लेकर उच्च जोखिम वाले वातावरण में कार्यस्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली रणनीतियों तक का जिक्र शामिल था। इसमें सेना, नौसेना, वायु सेना और मर्चेंट नेवी जैसी विशेष सेवाएं भी शामिल हैं। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 300 सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञों और विशेषज्ञ वक्ताओं ने भाग लिया। इसने आर्थिक सुदृढ़ता और व्यक्तिगत सशक्तिकरण के लिए व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराया और देश में एक सुरक्षित, स्वस्थ और अधिक उत्पादक कार्यबल के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में एम्स रायपुर का प्रतिनिधित्व प्रोफेसर (डॉ.) अभिरुचि गलहोत्रा और डॉ. अदिति चंद्राकर ने किया, जिन्होंने विभिन्न सत्रों में अध्यक्षता की। इसके अतिरिक्त, डॉ. अदिति चंद्राकर और लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉ.) लक्ष्मीकांत चौधरी (सेवानिवृत्त) ने दो महत्वपूर्ण शोध विषयों पर मौखिक पेपर प्रस्तुतियां दीं।