भोपाल (विश्व परिवार) । संत शिरामणी आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के परम प्रभावक शिष्य गुणायतन प्रणेता मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य एवं परम पूज्य मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज के निर्देशन में अवधपुरी – भोपाल स्थित समन्वय नगर के भव्य जिनालय के मूलनायक 1008 श्री पाश्र्वनाथ भगवान के मस्तक पर 108 श्री पाश्र्वनाथ भगवान के मस्तक पर 1०08 मंत्रों से पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाशांतिधारा हुई। मुनि श्री संधान सागर जी के मुखारविन्द से उच्चारित मंत्रो एवं संघस्थ सभी क्षुल्लक महाराज की उपस्थिति में इस शांतिधारा में अवधपुरी सहित भोपाल के श्रावकों ने भाग लेकर पुण्य कमाया। मुनि श्री ने बताया हर माह की पूर्णिमा को यह महाशांतिधारा होती है। जिसका बहुत महत्व एवं प्रभाव है। आधि – व्याधि शोक – संताप एवं विश्वशांति के लिए यह शांतिधारा की गयी। प्रथम शांतिधारा मेंं चार लोंगो ने पुण्य कमाया अध्यक्ष श्री सुमनकांत जी जैन, मोनू अंकित जैन, चंदन नगर (समस्त एसएस गु्रुप), अंशुल जैन, संजय बसंत जैन अवधपुरी साथ ही पूरा महिला मंडल एक ही वेशभूषा में उपस्थित हो एकता का परिचय दिया। परम पूज्य मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज आज केशलोंच भी किया।