नई दिल्ली(विश्व परिवार)। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने अचानक बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।उन्होंने यह फैसला तब लिया जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के आने वाले मुकाबले मेलबर्न और सिडनी में खेले जाने हैं, जहां स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलती है।ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय क्रिकेट बड़े बदलाव के दौर से गुजरने वाली है। कई और अनुभवी खिलाड़ी अगले साल इंग्लैंड सीरीज से पहले संन्यास की घोषणा कर देंगे।
रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया सीरीज कई अनुभवी खिलाडिय़ों की आखिरी सीरीज होगी। भारतीय टीम अगले साल जून-जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेगी। अश्विन का संन्यास लेना इसी की शुरुआत है।अश्विन, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा वो खिलाड़ी हैं जो 2012 और 2013 के बीच भारतीय टीम में हुए बड़े बदलाव का हिस्सा थे।उस समय राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने संन्यास लिया था।
अश्विन को जब पहले टेस्ट में मौका नहीं मिला तभी उन्होंने संन्यास लेने का मन बना लिया था।हालांकि, कप्तान रोहित जब टीम के साथ जुड़े तो उन्होंने अश्विन को पिंक बॉल टेस्ट खेलने के लिए मना लिया।इसके बाद तीसरे टेस्ट में भी अश्विन को मौका नहीं मिला और उनकी जगह जडेजा खेले। कप्तान रोहित ने ये बात गाबा टेस्ट खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अश्विन के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कब, कहां और क्या संदेश मिला।हालांकि, जब 500 से ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी को पर्थ टेस्ट में मौका नहीं मिला और उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर खेले। वह तभी समझ गए थे कि उन्हें अब ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे।पहले 2 टेस्ट मैच में जडेजा को भी मौका नहीं मिला था। हालांकि, तीसरे टेस्ट में उन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया।
अश्विन ने 106 टेस्ट में 24 की औसत से 537 विकेट लिए। उन्होंने अपने करियर में 37 बार 5 विकेट हॉल लिए और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 7/59 विकेट का रहा।बल्लेबाजी में उन्होंने 25.75 की औसत से 3,503 रन बनाए। उनके बल्ले से 6 शतक और 15 अर्धशतक निकले। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 124 रन रहा।उन्होंने 116 वनडे में 33.20 की औसत से 156 विकेट और टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 65 मैच में 23.22 की औसत से 72 विकेट लिए थे।