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आपके भाव ही इतने तीव्र हों कि हर अनुष्ठान सफल हो जाए : विराग मुनि

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एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में चातुर्मास

रायपुर। तीर्थ जाना आज लोगों के लिए पर्यटन समान हो गया है। धार्मिक केंद्र पिकनिक स्पॉट बनते जा रहे हैं। अपने भीतर धर्म की जागृति लाएं। समर्पण ऐसा हो कि जब तक काम पूरा न हो, शरीर से प्राण नहीं छूटने चाहिए। यकीन मानिए, आपने सोचा भी नहीं होगा, वो सब काम पूरे होंगे।

एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में श्री विनय कुशल मुनिजी महाराज साहब के पावन सानिध्य में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में विराग मुनि महाराज साहब ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि आज ज्यादा से ज्यादा इकट्‌ठा कर लेने की होड़ है। जैन धर्म में अपरिग्रह का सिद्धांत है। यानी उतना ही रखिए, जितने की जरूरत है। साधु-साध्वियों के पास संपत्ति के नाम पर एक पोटली मिलेगी। इसमें दो जोड़ी कपड़े के अलावा सारी चीजें धर्म-ध्यान से जुड़ी मिलेंगी। धर्म ही उनकी पूंजी है। इसी तरह आप भी धर्म को पूंजी बनाएं। हर अनुष्ठान इतना तीव्रतम हो कि सफल हो जाए। चारित्र्य जीवन इतना पवित्र रहे कि कोई चाहकर भी कुछ न बिगाड़ पाए। पहले लोग महापुरुषों को देखते तो सोचते कि इनका अंश मात्र भी मेरे भीतर आ जाए तो जीवन सफल है। इसी निमित्त से उनका आत्मकल्याण हो जाता। न जाने दूसरों को देखकर ही कितने लोग महापुरुष बन गए। आज निमित्त मिलने पर भी लोग आत्मकल्याण के पथ पर चलने को तैयार नहीं। वजह, भावना का अभाव। पहले लोगों में दूसरों के गुणों की प्रशंसा की भावना थी, इसलिए वे गुण उनमें भी आ जाते। आज सबकी बुराई में लगे हैं।

तड़प-तड़पकर मरने से बेहतर होगा कि धर्म में मन लगाइए
मुनिश्री ने कहा, जब शरीर स्वस्थ रहता है, हम संसार के कार्यों में लगे रहते हैं। सारे जीवन कर्म बंधन करते हैं। जब बूढ़ापा आए, ठीक से खड़े भी न हो पाएं, आंखों से कुछ साफ दिखाई न दे, तब धर्म करने का विचार आता है। हमें युवावस्था में ही सुख-दुख में समभाव से रहना चाहिए। यह सब पाप पुण्य का खेल है। राग-द्वेष छोड़ेंगे तो निश्चित ही आत्मा का कल्याण होगा। आत्मा से परमात्मा बनेंगे।

महान सिद्धि तप के तहत शाही पारणा आज
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष पारस पारख और कोषाध्यक्ष अनिल दुग्गड़ ने बताया कि दादाबाड़ी में चल रहे महान सिद्धि तप में पांच के उपवास का शाही पारणा बुधवार को शाही पारणा हाउस में बड़े ही ठाठ-बाट से होगा। चौथी लड़ी का पहला उपवास गुरुवार से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि इस महान तपस्या में 100 श्रावक-श्राविकाएं शामिल हैं। इसके अलावा मासखमण जैसी और भी कई बड़ी तपस्याएं चल रहीं हैं। बसंत लोढ़ा और रमेश जैन ने बताया कि दादा गुरुदेव इकतीसा जाप के क्रम में प्रतिदिन रात 8.30 से 9.30 बजे तक एवं रात्रि में प्रभु भक्ति रायपुर के प्रसिद्ध गायक नवीन जी चोपड़ा की प्रस्तुति रहेगी।

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