केकड़ी (विश्व परिवार)। “बीमारी में दवा का, गर्मी में ठंडी हवा का और धर्म में भक्ति का बड़ा महत्व है “मीरा ने श्री कृष्ण की भक्ति की तो जहर भी अमृत बन गया ।क्रोध, मान, माया,लोभ पर निष्काम भक्ति द्वारा ही विजय पाई जा सकती है ।
देव पूजा व स्वाध्याय भक्ति के महत्वपूर्ण अंग है । चार कषाय व पांच पापों का भक्ति उपासना से ही बचाव हो सकता है । यह उदगार श्री नेमिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के समीप शिवम वाटिका में गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने प्रवचन के दौरान कहे ।
उन्होंने कहा कि साधु सन्तो के प्रवचन सुनने व उनके आशीर्वाद मिलने मात्र से सुख शांति नही मिल सकती अपितु उनके प्रवचनों को जीवन मे उतारने व उनके आचरण पर अमल करने से जीवन का कल्याण सम्भव है ।
एक उदाहरण के माध्यम से माताजी ने बताया की एक नासमझ कुत्ता किसी यज्ञशाला में घुस जाता है तो नासमझ व्यक्ति द्वारा उसे डंडों से मार दिया जाता है ।उसकुत्ते को क्या पता कहाँ जाना चाहिए कहाँ नहीं वो तो अपना पेट भरने के लिए कहीं भी जा सकता है ।
परंतु उसी मरते हुए कुत्ते को किसी समझदार व्यक्ति द्वारा णमोकार मंत्र सुनाने पर कुत्ता अच्छे भव में चले जाता है ।
प्रातः जिनाभिषेक ,शांति धारा, जिनेन्द्रअर्चना,एवं धार्मिक क्रियाएं आर्यिका ससंघ के सानिध्य में सम्पन्न हुई। शांति धारा करने का सौभाग्य दिनेश कुमार प्रकाश चंद नासिरदा व ओमप्रकाश गोविंद कुमार राजकुमार सदारा परिवार ने प्राप्त किया।
भगवान महावीर व आचार्यों के चित्र अनावरण व दीप प्रज्जवलन पत्रकार गणों द्वारा किया गया।
पत्रकारों को माताजी ने आशीर्वाद दिया ।
समाज के वरिष्ठ जनों ने पत्रकारों का स्वागत अभिनंदन किया। शास्त्र भेंट शुभकामना परिवार के अरिहंत ग्रुप ने किया।आर्यिका माताजी के पाद प्रक्षालन टीकम चंद विपिन कुमार,जितेश,सानिध्य रामथला परिवार ने किया। इंदु मित्तल सुनीता पाटनी व विद्या जैन ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
समाज के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ज्वैलर्स व मंत्री कैलाश चंद जैन मावा वालों ने बताया कि कल मंदिर में अतिशयकारी मनवांछित फलदाता हर कष्ट निवारक मुनिसुव्रतनाथ भगवान की लाइव शांतिधारा आर्यिका माताजी के मुखार बिंद से की जाएगी।