- सहकार से समृद्धि प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन को लेकर मंत्री केदार कश्यप की पहल, विभिन्न मांगों और लक्ष्यों पर बातचीत
रायपुर (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री केदार कश्यप आज दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, सहकारिता छत्तीसगढ़ शासन श्री सुब्रत साहू, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, छत्तीसगढ़ श्री कुलदीप शर्मा तथा सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारीगण मौजूद रहे।
इस प्रवास के दौरान उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री मोहोल को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के विजन को लेकर किये जा रहे कार्यों और उपलब्धियों से अवगत कराया।
सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार से विभिन्न मांगों को लेकर मंत्री केदार कश्यप की पहल
मंत्री केदार कश्यप ने राज्य सरकार की मांगों से केंद्रीय राज्यमंत्री मोहोल को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सहकार से समृद्धि की दिशा में छत्तीसगढ़ प्रदेश उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। जिसे गति प्रदान करने के लिये पैक्स कंप्यूटराइजेशन योजनांतर्गत प्रथम चरण में 2028 पैक्स का चयन किया गया है। शेष 30 पैक्स तथा सहकार से समृध्दि अंतर्गत प्रस्तावित 500 नवीन पैक्स के लिए सहमति शीघ्र दिया जाए।
अन्य प्रमुख मांगे
नाबार्ड के प्रशिक्षण संस्थान “बर्ड” की स्थापना छतीसगढ़ में भी किया जाये, जिससे राज्य के पैक्स/DCCB तथा अपेक्स बैंक के अधिकारी/कर्मचारियो एवं संचालक मण्डल सदस्यो एवं पदाधिकारियो का प्रशिक्षण की राज्य स्तरीय व्यवस्था किया जा सके।
राज्य मे सहकारी बैंक द्वारा अल्पकालीन कृषि ऋणो के लिए वर्ष 2024-25 मे राशि ₹ 8500 करोड़ का ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरुध्द आज दिनांक तक राशि र 7709 करोड़ का ऋण वितरण किया जा चुका है। “नाबार्ड की अल्पकालीन कृषि ऋण हेतु रियायती ब्याज पर पुनरवृत योजना” (Concessional Refinance) अंतर्गत वितरित ऋण का 45% तक अल्प ब्याज दर पर पुनर्वित्त सहकारी बैंकों को उपलब्ध कराया जाना होता है, किन्तु प्रत्येक वर्ष नाबार्ड द्वारा 10-20% तक ही राशि उपलब्ध करायी जाती है। इस वर्ष केवल राशि₹1150 करोड़ ही उपलब्ध कराया गया है, जो कि कुल ऋण वितरण का 14.9% ही है। अतः पॉलिसी अनुसार पूरी राशि उपलब्ध कराया जाए।
प्रदेश के गन्ना विक्रेता कृषको को भुगतान त्वरित रूप से करने की आवश्यकता होती है, उक्त बाबत् भारत सरकार द्वारा जारी मासिक कोटे में छूट देते हुए अधिक शक्कर बेचने की अनुमति प्रदान की जाए।
प्रदेश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया के निर्माण हेतु NCDC से प्रदाय टर्म लोन की दिनांक 17/03/2025 की स्थिति में बकाया राशि 17.21 करोड़ (मूलधन 15.75 करोड़, सामान्य ब्याज 61.02 लाख एवं विलंबित अवधि के लिए ब्याज 84.79 लाख) हो गयी है। कारखाना द्वारा अब तक कुल राशि 137.84 करोड़ (मूलधन 81 करोड़ एवं ब्याज 56.84 करोड़) का भुगतान किया जा चुका है। कारखाने की कमजोर आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उक्त ऋण पर विलंबित अवधि के लिए अधिरोपित ब्याज की राशि 84.79 लाख को माफ किए जाने का अनुरोध है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 अंतर्गत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक्सपोजर विजिट में छत्तीसगढ़ राज्य को भी शामिल किया जाए।
मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय राज्यमंत्री को बताया कि माननीय केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री जी द्वारा दिनांक 25/08/2024 की समीक्षा उपरान्त सहकारिता विभाग ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था उस पर विष्णुदेव साय सरकार ने पहल करते हुए एक संतोषजनक परिणाम को प्राप्त किया है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में बहुउद्देशीय समितियों के गठन के लक्ष्य के विरूध्द 232 दुग्ध, 257 मत्स्य तथा 152 लघु वनोपज सहकारी समितियां, इस प्रकार कुल 641 नवीन समितियों का गठन कर लिया गया है, जिनमें से 512 समितियों का गठन माननीय मंत्री जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त किया गया है।
वहीँ राज्य में कार्यरत 2058 पैक्स का पुनर्गठन कर 532 नवीन पैक्स के गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
केदार कश्यप ने कहा कि राज्य के सभी 2058 पैक्स में भारत सरकार, सहकारिता मंत्रालय द्वारा जारी मॉडल बॉयलाज का अंगीकरण कर लिया गया है।
मंत्री की उपस्थिति में दिनांक 16/12/2024 को राज्य सरकार, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ और एन.डी.डी.बी. के मध्य एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किया गया। दुग्ध महासंघ के प्रबंधन और संचालन का हस्तांतरण भी दिनांक 17/01/2025 को एन.डी.डी.बी. को कर दिया गया है।
सहकारिता के माध्यम से जनजाति क्षेत्रों में आर्थिक विकास और रोजगार के अनेकों कार्यक्रम
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार द्वारा प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के आर्थिक उन्नयन तथा उन्हें दुग्ध सहकारिता से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 06 जिलों के 325 परिवारों को 650 दुधारू पशु प्रदाय करने की योजना एन.डी.डी.बी. द्वारा तैयार की गई है। इसके साथ ही सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अनाज भण्डारण योजना में आर.आई.डी.एफ. अंतर्गत राज्य में निर्माणाधीन 725 गोदामों को शामिल किया गया है। इनमें 665 गोदाम पूर्ण हो चुके हैं, शेष 60 गोदाम का निर्माण शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।
जनऔषधि केंद्रों में सहित अनेक क्षेत्रों में पैक्स कि उपयोगिता में वृद्धि
सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय राज्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के 28 पैक्स में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्र स्थापित हैं, जिनमें से 25 की स्थापना माननीय मंत्री जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त की गई है और राज्य में 2029 पैक्स में कॉमन सर्विस सेन्टर की स्थापना की गई है, जिनमें से 1103 की स्थापना माननीय मंत्री जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त की गई है। इन पैक्स द्वारा अब तक ₹2.37 करोड़ का ट्रान्जेक्शन किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 2058 पैक्स द्वारा भारतीय बीज सहकारी समिति में सदस्यता हेतु आवेदन पूर्ण कर लिया गया है, जिनमें से 1792 आवेदन माननीय मंत्री जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त किये गये हैं।
मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बीज निगम द्वारा भारतीय बीज सहकारी समिति को बीज विक्रय लाईसेन्स जारी कर दिया गया है तथा बीज आपूर्तिकर्ताओं में नाम जोड़ने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राज्य के सभी 2058 पैक्स द्वारा राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति में सदस्यता हेतु आवेदन पूर्ण कर लिया गया है, जिनमें से 1924 आवेदन माननीय मंत्री जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त किये गये हैं। इसी तरह राज्य के सभी 2058 पैक्स द्वारा राष्ट्रीय जैविक सहकारी समिति में सदस्यता हेतु आवेदन पूर्ण कर लिया गया है, जिनमें से 1915 आवेदन माननीय मंत्री जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त किये गये हैं।
सहकारिता के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा, जैविक फसलों के उत्पादन में बढ़ावा
मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ क़ृषि सम्पन्न प्रदेश है जहाँ जैविक फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने तथा विपणन की व्यवस्था हेतु राष्ट्रीय जैविक सहकारी समिति तीसगढ़ राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ के मध्य एम.ओ.यू. निष्पादित किया गया है। संघ द्वारा जैविक समिति को 500 किलोग्राम आर्गेनिक शहद की आपूर्ति प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि माननीय अमित शाह जी की समीक्षा बैठक के उपरान्त राज्य में इमली, आटी, इमली फूल, चिरौंजी, गुठली, काजू, कालमेघ, हर्रा, कचरिया, गिलोय, महुआ फूल सूखा, शहद, आंवला सूखा, महुआ बीज, हर्रा साबुत, बहेड़ा साबूत, भेलवा, इमली बीज, चरोटा बीज, बहेड़ा कचरिया, आमचूर, मालकांगनी, करंज बीज, बेल, जामुन आदि 22 लघु वनोपजों का आर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्राप्त किया जा चुका है।
अन्य उपलब्धियां
एन.सी.सी.एफ. के पोर्टल में सभी पैक्स का पंजीयन कराने में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य रहा है।
मंत्री समीक्षा बैठक के उपरान्त राज्य में 1400 से अधिक सहकारी समितियों के खाते सहकारी बैंकों में खोले गये हैं।
अमित शाह की समीक्षा बैठक के उपरान्त सभी पैक्स में माईक्रो ए.टी.एम. उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य रहा है। धान उपार्जन के दौरान 03 माह की अवधि में माईक्रो ए.टी.एम. के माध्यम से राशि ₹ 116 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया गया है। राज्य के 33 ग्राम पंचायतों में पैक्स द्वारा ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना का संचालन पॉयलेट के तौर पर प्रारंभ किया गया है। राज्य के चयनित सभी 2028 पैक्स गो-लाईव हो गये हैं। सभी पैक्स को अप्रैल 2025 तक ई-पैक्स करने का लक्ष्य है। विगत 06 माह में राज्य में 2.50 लाख कृषकों को रूपे के.सी.सी. कार्ड वितरण किया गया है। राज्य के सभी पैक्स में प्रधानमंत्री किसान समृध्दि केन्द्र स्थापित है। वर्ष 2024-25 में इन केन्द्रों के द्वारा अब तक राशि ₹1760.34 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन कर लिया गया है। प्रदेश में पैक्स द्वारा सदस्य कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 05 लाख की सीमा तक अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाता है। वर्ष 2024-25 में अब तक 15.21 लाख कृषक सदस्यों को राशि₹7709 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है। प्रदेश में पैक्स द्वारा समर्थन मूल्य पर कृषकों से धान उपार्जन का कार्य किया जाता है। खरीफ वर्ष 2024-25 में 25.49 लाख कृषकों से 149.25 लाख मिट्रिक टन धान का उपार्जन कर राशि ₹46,251.77 करोड़ का भुगतान किया गया है।