- मोदी मंत्रिमंडल में बने शहरी विकास एवं आवास राज्यमंत्री
- लोगों के घर के सपने को अब साकार करेंगे तोखन साहू
- केंद्र में राज्य मंत्री का दर्जा पाने वालों में तोखन साहू सातवें सांसद
रायपुर(विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ में आवास से वंचित लोगों के अपने घर के सपने को अब तोखन साहू साकार करने में सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में बिलासपुर के सांसद को शहरी विकास एवं आवास राज्यमंत्री बनाया गया है। तोखन साहू यह पद संभालने वाले प्रदेश के पहले सांसद बने हैं। राज्य गठन के बाद से केंद्र सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा पाने वालों में तोखन साहू सातवें सांसद हैं।
स्व दिलीप सिंह जूदेव 29 जनवरी 2003 से 17 नवंबर 2003 तक वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री थे। रमेश बैस ने 13 अक्टूबर 1999 से 30 सितंबर 2000 तक केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री, 30 सितंबर 2000 से 29 जनवरी 2000 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री, 29 जनवरी 2003 से 8 जनवरी 2004 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खान मंत्रालय तथा 9 जनवरी 2004 से मई 2004 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण एवं वन मंत्रालय संभाला था। 13 अक्टूबर 1999 से 29 जनवरी 2003 तक वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री डा रमन सिंह थे।
चरणदास महंत ने 12 जुलाई 2001 से 26 मई 2014 तक केंद्रीय राज्यमंत्री, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का पदभार संभाला था। 26 मई 2014 से 30 मई 2019 तक विष्णुदेव साय केंद्रीय खान एवं इस्पात राज्यमंत्री थे। 30 मई 2019 से 7 दिसंबर 2023 तक भारत के जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह थी।
केंद्र सरकार में सबसे अधिक बार राज्यमंत्री का दर्जा पाने वालों में रमेश बैस है। ये चार बार राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। राज्य बनने के बाद से अभी तक केंद्रीय कैबिनेट में राज्यमंत्री के तौर पर ही सांसदों को जगह मिली है।
विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ में बनेंगे सहयोगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने साल 2047 तक भारत को पूरी तरह से विकसित भारत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर काम में जुटे हैं। मोदी मंत्रिमंडल में शहरी विकास एवं आवास राज्यमंत्री तोखन साहू विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य पूरा करने में काफी सहायक सिद्ध होंगे।