राजस्थान(विश्व परिवार)। विधानसभा में शुक्रवार को हुई बिजली चर्चा के बाद ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि भाजपा सरकार दूरदर्शी सोच के साथ काम कर रहे हैं। बिजली उत्पादन और प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए 1.60 लाख करोड़ के हुए एमओयू पर काम शुरू हो चुका है। आगामी 10 साल की डिमांड के आधार पर काम कर रहे हैं। 2000 मेगावाट बिजली के हाल ही निविदा जारी की है। एक हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल सभी सरकारी कार्यालयों पर लगाए जाएंगे, ताकि थर्मल से उत्पादित बिजली बचाई जा सके।
मंत्री ने बताया कि हाल ही में आरडीएसएस योजना में 7896 करोड़ रुपए की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो चुकी है, जिससे राजस्थान के 7000 से ज्यादा फीडर का सेग्रीगेशन होगा। उन्होंने कहा कि हम वर्ष 2027 तक किसानों को दो ब्लॉक में दिन में बिजली देंगे। कृषि कनेक्शनों को लेकर हमारी सरकार ने 1.50 लाख कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सभी कृषि कनेक्शन आगामी दो वर्ष में दिन में शिफ्ट किये जाएंगे तथा सोलर से जोड़े जाएंगे। नागर ने बताया कि 1000 मेगावाट के सोलर संयंत्र सरकारी कार्यालयों पर लगाये जाएंगे, इसकी बिड जारी कर दी गई है।
यह भी कहा
112 नए जीएसएस बनेंगे। इनमें से 48 प्रगतिरत हैं, 22 के कार्यादेश जारी हो चुके हैं, 4 निविदा प्रकिया में हैं तथा 38 की निविदा प्रकिया शुरू की जाएगी।
1000 मेगावाट की शॉर्ट टर्म निविदा प्रकिया में है।
कांग्रेस सरकार ने खरीदा था महंगा कोयला- मंत्री नागर
मंत्री नागर ने महंगा कोयला खरीद पर कांग्रेस सरकार को कोसा। उन्होंने कि पूर्ववर्ती सरकार में आवंटित कोल ब्लॉक से कोयले का खनन शुरू नहीं करवा पाने के कारण महंगा कोयला अन्य स्रोतों से खरीदा गया। जो कोयला 4000 रूपए प्रति टन आता, उसे आयातित कोयला के रूप में 18 हजार प्रति टन की दर से खरीदा गया। इसी कारण फ्यूल सरचार्ज का बोझ आम जनता पर पड़ रहा है।