- बिना पुण्य के नियोग से शुभ संयोग की प्राप्ति नहीं होती :- मुनि श्री सुयश सागर जीमहाराज
रायपुर (विश्व परिवार)। बिना पुण्य के संयोग के कभी शुभ संयोग की प्राप्ती नहीं होती आज हम सभी लोग बहुत पुण्यशाली है जो जिनेन्द्र भगवान की देशना का पान कर रहे है उपरोक्त उदगार आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के शिष्य मुनि श्री सुयश सागर महाराज ने फाफाडीह दि. जैन मंदिर में प्रातःकालीन धर्म सभा में व्यक्त किये राष्ट्रीय प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया प्रातःकालीन बेला में मुनिसंघ का भव्य मंगल प्रवेश हुआ इस अवसर पर बड़ा जैन मंदिर मालवीय रोड़,शंकर नगर,डी.डी.नगर,तथा टैगोर नगर,कचना जैन मंदिर के समस्त पदाधिकारियों ने मुनिसंघ को श्री फल अर्पित करते हुये अपने अपने स्थानों पर पधारने का अनुरोध किया।
मुनि श्री ने कहा कि साधुओं का दर्शन उनका सानिध्य बड़े ही पुण्य संयोग से मिलता है उन्होंने कहा कि कल जब हम विहार कर रहे थे तो कुछ बेटियाँ बैठी थी तो उनकी मां ने कहा कि इनसे घबड़ाओ मत “यह तो धरती के भगवान है” इनकी एक दृष्टि मात्र पड़ने से सारा जीवन बदल जाता है, मुनि श्री ने कहा कि जो दृश्य आप मोबाइल पर देख रहे हो वह दृश्य आपके अंतस में चला जाता है उन्होंने कहा कि आजकल बड़ी बड़ी कंपनियां आपसे करोड़ों निचोड़ लेती है तब आपको लाखों देती है। मुनि श्री ने कहा कि आज निर्ग्रन्थ तपोधन साधु जब किसी नगर से निकल जाते है तो वहां के लोग उस साधू को भूलते नहीं उन्होंने कहा कि यह रायपुर बालों का सौभाग्य है कि यहां पर निरंतर साधुओं के दर्शन और उनकी चर्या कराने का सौभाग्य प्राप्त होता रहता है। मुनि श्री ने कहा कि आप लोगों को तो इतना सब कुछ मिला है कि इस युग के सबसे श्रेष्ठ आचार्य भगवन विशुद्ध सागर महाराज जिनका आज मुम्बई महाराष्ट्र में मंगल प्रवेश है उनके चातुर्मास और तीन मुनिराजों की दीक्षा देखने का सौभाग्य मिल चुका है और आप लोगों का पुरुषार्थ जागा तो 2026 का चातुर्मास भी आपके इस महानगर को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अभी तो हमारा यह क्षणिक प्रवास है हम श्री सम्मेद शिखर जी से इंदौर के लिये निकले है जहां पर 27 अप्रेल से 2 मई अक्षय तृतीया को आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज का पट्टाचार्य महामहोत्सव संपन्न होंने जा रहा है जहां अक्षय तृतीया के महोत्सव पर लगभग 550 से ऊपर पिच्छीधारी साधु साध्वी एकत्र होंगे इस कार्यक्रम में जब आप लोगों की इतनी उत्सुकता है तो विचार कीजिये मुझे कितनी उत्सुकता होगी वंहा पर पहुंचते पहुचते लगभग 1600 कि. मी. की यह यात्रा हो जाऐगी । मुनि श्री ने कहा कि आचार्य श्री के पास रायपुर का कोई न कोई सदस्य उपस्थित रहता है, आपके तीव्र प्रवल पुण्य का योग है कि आपको हर वर्ष आस-पास चातुर्मास का अवसर अवश्य ही प्राप्त होता है।
आज फाल्गुन कृष्ण सप्तमी के दिन सप्तम तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ स्वामी का निर्वाण कल्याणक महोत्सव एवं अष्टम तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु स्वामी का ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया गया प्रातः सर्वप्रथम भगवान का अभिषेक एवं मुनि श्री सुयश सागर जी महाराज के मुखारविंद से शांतिधारा संपन्न हुई शांति धारा करने का सौभाग्य श्री रवि सेठी-श्री शशि सेठी परिवार को प्राप्त हुआ, मुनि श्री का पाद प्रक्षालन करने एवं प्रथम लाडू चढ़ाने का सौभाग्य सन्मति नगर फाफाडीह दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष श्री अरविंद बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ, मुनिश्री के कर कमलों में शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य श्री प्रदीप जैन पाटनी-प्रबोध जैन पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ।
आयोजन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे पंचायत समिति ने सभी का आभार व्यक्त किया।