अकोदिया (विश्व परिवार)। हर वर्ष की तरह है इस वर्ष भी शाकाहार प्रेरक डॉक्टर कल्याण गंगवाल ने अपना जन्मदिन गुरु चरण में मनाया ३ दिन प्रमाण सागर महाराज की सन्निधि में रुक कर उन्होंने एवं उनकी धर्मपत्नी चंद्रकला गंगवाल ने गुरुदेव की सेवा में धर्म ध्यान में अपना समय व्यतीत किया।
डॉक्टर कल्याण गंगवाल पुणे ने जीव दया परोपकार के क्षेत्र के साथ अहिंसा शाकाहार के प्रचार प्रसार में अपना सर्वत्र समर्पित किया हुआ है। वे अपना जन्मदिन गुरु चरणों में ही मनाते है। इन्हें महाराज श्री की पुरानी पिच्छिका लेने का सौभाग्य वर्ष 2017 में प्राप्त हुआ था।
शंका समाधान कार्यक्रम में डॉक्टर गंगवाल ने शंका समाधान में उन्होंने गुरुदेव से पूछा कि भगवान हमें कुछ नही देता, गुरु हमारे हमें कुछ नहीं देते मगर इसका एक अनुभव मेरे सामने आया पिछले माह में नेपाल में था गढ़ीमाई में था नेपाल में था मैं वहां 8 दिन रुका और पशु बलि रोकने के लिए दिन-रात मेहनत करता था। अचानक एक दिन रात को 11:30 बजे पशु बलि को मैं रोक रहा था जो भारत से नेपाल पशु कहीं के लिए ले जा रहे थे। तभी हजार लोगों ने आकर मुझे घेर लिया, मैं डर गया था। तब मैंने उस समय आपको याद किया, विद्यासागर महाराज को याद किया अचानक गाधरपुरी के कुछ लोग आ गए और धीरे-धीरे वह सब लोग चले गए। यह चमत्कार है ऐसी घटनाओं पर कितना विश्वास करना चाहिए।
पूज्य महाराज श्री ने इसका समाधान करते हुए डॉक्टर गंगवाल के कार्यों की जमकर तारीफ की और अनुमोदना करते हुए इसका समाधान करते हुए बताया कि आपने जो परमार्थिक कार्य किया है उसी पुण्य ने आपको बचाया है। कोई हमें देते नहीं है सब निमित्त बनते हैं। हमारा पुण्य उभर जाता है हमारी श्रद्धा के बल पर। महाराज श्री ने कहा कि हम लोगों का आशीर्वाद नहीं फलता आपकी श्रद्धा फलती है। आपका विश्वास। आपकी मन में विश्वास था तभी तो अपने गुरु को याद किया। महाराज श्री ने जवाब देते हुए कहा कि जब भी अशुभ का समय आए शुभ का आलंबन ले लो श्रद्धा सफल होगी। यदि ऐसा किया तो सारा संकट टल जाएगा।